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हजारों शिक्षकों के नहीं मिले सर्टिफिकेट फोल्डर,पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद केके पाठक ने कसा शिकंजा, 3.50 लाख शिक्षकों पर लटकी तलवार

हजारों शिक्षकों के नहीं मिले सर्टिफिकेट फोल्डर,पटना हाई कोर्ट के आदेश के बाद केके पाठक ने कसा शिकंजा, 3.50 लाख शिक्षकों पर लटकी तलवार

पटना- केके पाठक के शिक्षा विभाग ने बड़ा निर्णय लिया है और राज्य में नियोजित शिक्षकों के फोल्डर नहीं देने वाले नियोजन इकाइयों पर विबाग  प्राथमिकी दर्ज करेगा. शिक्षा विभाग के अनुसार जिन नियोजन इकाईयों में नियोजित शिक्षकों के फोल्डर निगरानी विभाग को नहीं मिले हैं उनके सचिवों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई होगी. वहीं मेधा सूची से शिक्षकों के अंक पत्र की जांच करायी जाएगी. मेधा सूची के आधार पर नियोजित शिक्षक नियोजित हुए हैं. जिन नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के सर्टिफिकेट की निगरानी जांच होनी है उनकी संख्या 3 लाख 52 हजार 927 बतायी गयी है.

शिक्षा विभाग के अनुसार  संबंधित नियोजन इकाइयों के सचिवों पर विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा भी की जाएगी और उनके नाम निगरानी को उपलब्ध कराये जाएंगे. इस बात की भी जांच होगी कि त्यागपत्र देने वाले शिक्षक कहीं फिर से नियुक्त तो नहीं हुए. राज्य में 77,057 नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट के फोल्डर नहीं मिले हैं.शिक्षा विभाग के मुताबिक जिन नियोजन इकाईयों में नियोजित शिक्षकों के फोल्डर निगरानी विभाग को नहीं मिले हैं, उनके सचिवों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई होगी। वहीं, मेधा सूची से शिक्षकों के अंक पत्र की जांच करायी जाएगी

मेधा सूची के आधार पर नियोजित शिक्षक नियोजित हुए हैं. जिन नियोजित शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के सर्टिफिकेट की निगरानी जांच होनी है, उनकी संख्या 3 लाख 52 हजार 927 बतायी गयी है. इनमें 2 लाख 75 हजार 870 शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के प्रमाण पत्रों की जांच पूरी हो चुकी है.

बिहार के विभिन्न जिलों में फर्जी प्रमाण-पत्र पर शिक्षक की नौकरी करने वालों की खासी संख्या रही है. इनके प्रमाण-पत्रों की जांच चल रही है और जो फर्जी मिल रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई भी हो रही है। हालांकि कार्रवाई की गति काफी धीमी है। यह कड़वी सच्चाई है। यही कारण है कि बिहार के 815 अवैध घोषित शिक्षकों के खिलाफ अबतक कार्रवाई लंबित है। इस बीच, विभाग ने उन नियोजन इकाइयों की सूची तैयार कर रही है, जिनके यहां से नियोजित शिक्षकों का प्रमाण-पत्र वाला फोल्डर गायब है.

नियोजित शिक्षकों के प्रमाण-पत्रों की जांच वर्षों से लंबित है, तो इसके लिए सिर्फ और सिर्फ नियोजन इकाइयां ही जिम्मेदार है. अब तो हाईकोर्ट भी नियोजन इकाइयों के प्रति गंभीर हो गया है.  कोर्ट के आदेश पर ही विभाग ने नियोजन इकाइयों के खिलाफ एक्शन की तैयारी कर रहा है। खास बात यह है कि एक तो अवैध घोषित शिक्षकों के खिलाफ न नियोजन इकाइयों द्वारा कार्रवाई की जा रही है और न शेष शिक्षकों का फोल्डर उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि जांच पूरी की जा सके.

नियोजन इकाइयों के सचिव के जिम्मे ही पंचायत/प्रखंड/जिला का कागजात रहता है। इन कागजातों में शिक्षक नियोजन से जुड़ा कागजात भी शामिल है। जिस कागजात को नियोजन इकाई यानी सचिव उपलब्ध नहीं करा सके हैं. इसी कारण सीधे नियोजन इकाई के सचिव को जिम्मेदार मान विभाग कार्रवाई करने की तैयारी में हैं. बताया गया है कि सूबे में 3 लाख 52 हजार 927 शिक्षक-पुस्तकालयाध्यक्ष के नियोजन की वैधता की जांच बाकी है.


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