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127 साल बाद गोदरेज कंपनी का बंटवारा, अंग्रेजों के मजबूत ताला बनाने से लेकर घरों के लिए बनायी अलमारी और फ्रीज

127 साल बाद गोदरेज कंपनी का बंटवारा, अंग्रेजों के मजबूत ताला बनाने से लेकर घरों के लिए बनायी अलमारी और फ्रीज

DESK : गोदरेज, जब भी इस नाम की चर्चा होती है, जो उन उद्योगपतियों के नाम उभर आते हैं, जिसके बारे में बचपन से सुनते आ रहे हैं। कहा जा सकता है कि गोदरेज देश के मशहूर फैमिली बिजनेस में से एक है। रिलायंस, टाटा, वाडिया, इन सबमें गोदरेज का भी अच्छा नाम है।  साबुन से लेकर घरेलू उपकरणों और रियल एस्टेट तक आज हर क्षेत्र में कंपनी ने अपना विस्तार किया है। अब देश की 127 साल पुरानी कंपनी को लेकर यह खबर सामने आई है कि यह बंटने वाला है। गोदरेज फैमिली ने कंपनी को दो भागों में बांटने को लेकर समझौता किया है। इस समझौते के तहत एक हिस्सा 82 साल के आदि गोदरेज और उनके भाई नादिर का है। वहीं, दूसरा चचेरे भाई जमशेद और बहन स्मिता गोदरेज को मिला है।

आदि और नादिर ने गोदरेज इंडस्ट्रीज को अपने पास में रखा है। इसमें पांच लिस्टेड कंपनी हैं। जमशेद और स्मिता को गैर-लिस्टेड कंपनी गोदरेज एंड बॉयस और मुंबई में उससे जुड़ी प्रमुख संपत्ति सहित लैंड बैंक मिला है।

गोदरेज इंडस्ट्रीज में होगी यह कंपनी

गोदरेज इंडस्ट्रीज समूह में लिस्टेड कंपनियों की करें तो इसमें गोदरेज इंडस्ट्रीज, गोदरेज कंज्यूमर, गोदरेज प्रॉपर्टीज, गोदरेज एग्रोवेट और एस्टेक लाइफसाइंसेज शामिल हैं। इनके चेयरमैन नादिर गोदरेज होंगे और नियंत्रण आदि गोदरेज, नादिर और परिवार करेगा। आदि के 42 साल के बेटे पिरोजशा गोदरेज गोदरेज इंडस्ट्रीज के कार्यकारी उपाध्यक्ष होंगे। वे अगस्त 2026 में नादिर की जगह ले लेंगे।

गोदरेज इंटरप्राइजेज के हिस्से में आई यह कंपनी

दूसरी तरफ गोदरेज एंटरप्राइजेज ग्रुप में गोदरेज एंड बॉयस और उसके सहयोगी शामिल हैं, जिसकी एयरोस्पेस और विमानन से रक्षा, फर्नीचर और आईटी सॉफ्टवेयर तक कई उद्योगों में मौजूदगी है। इसको जमशेद गोदरेज के द्वारा चलाया जाएगा। उनकी बहन स्मिता की बेटी न्यारिका होल्कर इसकी कार्यकारी निदेशक होंगी। इस ग्रुप के पास ही मुंबई में 3400 एकड़ का लैंड बैंक भी है।

1897 में बनी कंपनी, ऐसा पड़ा गोदरेज का नाम

टाटा के साथ देश के बड़े उद्योग घरानों में गोदरेज का नाम शामिल है। यह वह कंपनी रही, जो अंग्रेजों के शासनकाल में भारत में शुरू हुई। ग्रुप की स्थापना 1897 में अर्देशिर गोदरेज और पिरोजशा बुर्जोरजी गोदरेज ने की थी। अर्देशिर एक पारसी थे जिनका जन्म 1868 में बॉम्बे (अब मुंबई के रूप में जाना जाता है) में हुआ था। वह अपने सभी भाई बहनों में सबसे बड़े थे। 

जब अर्देशिर लगभग तीन साल के थे, तब उनके पिता बुर्जोरजी गुथेराजी ने परिवार का नाम बदलकर गोदरेज रख दिया और इस तरह कंपनी का नाम भी ‘गोदरेज’ पड़ा गया था। लॉ स्कूल से पढ़ने के बाद, अर्देशिर को 1894 में बॉम्बे सॉलिसिटर की एक फर्म में काम मिला। हालांकि, उन्होंने कुछ समय बाद यह प्रोफेशन छोड़ दिया।

ताला बनाने से शुरू किया काम

उन्होंने मन बना लिया था कि वह अपना खुद का बिजनेस शुरू करेंगे। इसके बाद धीरे-धीरे उन्होंने पैसे जुटाकर जगह तलाशनी शुरू कर दी और ताले बनाने के काम में लग गए। उनके ताले काफी लोकप्रिय हुए लेकिन अर्देशिर को और आगे बढ़ना था और वह अपनी मंजिल की ओर बढ़ते रहे। 1897 में कंपनी स्थापित होने के कुछ साल बाद, उन्होंने साबुन बनाना शुरू किया। यह दुनिया में अब तक का पहला एनिमल-फैट-फ्री साबुन है।

1923 में शुरू किया अलमारी बनाने का काम

गोदरेज ने 1923 में स्टील की अलमारी के साथ-साथ फर्नीचर बनाने का काम भी शुरू किया। इसके बाद धीरे-धीरे इसका विस्तार होता गया। शादी और विवाह में गोदरेज के उत्पादों की काफी चर्चाएं होने लगी। साल 1952 में गोदरेज ने सिंथॉल साबुन बनाया। इसकी वजह से वह भारत में दूसरे सबसे बड़े साबुन निर्माता बन गए। 1958 में कंपनी ने रेफ्रिजरेटर लॉन्च किया। 

1990 के दशक की बात करें तो उन्होंने गोदरेज प्रॉपर्टीज की स्थापना की। इसके साथ ही कंपनी ने रियल स्टेट के क्षेत्र में भी कदम रखा। इसके एक साल बाद कंपनी ने गोदरेज एग्रोवेट की स्थापना करके कृषि व्यवसाय में कदम रखा। 1997 में गोदरेज ने एक समूह के रूप में अपने अस्तित्व के 100 साल पूरे किए।

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