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सीवान से हिना शहाब ने किया नामांकन, हाथी को केला खिलाकर पीले गमछे वालों के साथ शहाबुद्दीन की 'सलतनत' बचाने उतरी मैदान में

सीवान से हिना शहाब ने किया नामांकन, हाथी को केला खिलाकर पीले गमछे वालों के साथ शहाबुद्दीन की 'सलतनत' बचाने उतरी मैदान में

सीवान. लोकसभा चुनाव के लिए सीवान के सियासी मैदान में पूर्व दिवंगत सांसद मोहम्मद शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब भी उतर गई हैं. हिना ने मंगलवार को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. उन्होंने बिना किसी बड़े तामझाम के अपने चुनिंदा लोगों के साथ गुपचुप तरीके से सीवान समाहरणालय पहुंचकर नामांकन किया. हिना शहाब 20-25 समर्थकों के साथ नया किला स्थित अपने आवास से सुबह 9 से 10 बजे के बीच निकलीं और समाहरणालय पहुंचकर नामांकन पत्र दाखिल किया. हिना शहाब ने अपना नामांकन पत्र दो सेट में दाखिल किया है.

वहीं नामांकन के पहले हिना शहाब ने गजराज यानी हाथी को केला खिलाकर अपने चुनावी अभियान की शुरुआत की. नामांकन से पहले हिना ने  गजराज महाराज को घर पर बुलाया. उसे उन्होंने केला के साथ लड्डू खिलाया और उसके बाद नामांकन के लिए रवाना हुई. इस दौरान हिना के साथ मौजूद करीब बीस से ज्यादा समर्थकों में ज्यादातर ने अपने माथे पर पीले रंग का गमछा बांध रखा था. इस दौरान उनके बेटे ओसामा भी नहीं दिखे. 

दरअसल, सीवान में जदयू ने पूर्व विजया लक्ष्मी को उम्मीदवार बनाया है. वहीं राजद की ओर से अवध बिहारी चौधरी प्रत्याशी है. अवध बिहारी चौधरी ने भी मंगलवार को ही नामांकन किया. उनके पर्चा दाखिल करने के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे. साथ ही बड़ी संख्या में राजद समर्थकों की भीड़ मौजूद रही. इसके उलट हिना शहाब के नामंकन में किसी प्रकार की भीड़ नहीं दिखी. 

एक दौर में मोहम्मद शहाबुद्दीन की यहाँ तूती बोलती थी. मोहम्मद शहाबुद्दीन ने वर्ष 1996 से इस सीट से लोकसभा में पहली बार जीत हासिल की. 2004 तक उनका यहां जलवा रहा. बाद में मोहम्मद शहाबुद्दीन की पकड़ कमजोर हुई. 2005 में शहाबुद्दीन को दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया गया। 2009 में इन्हें चुनाव लड़ने से वंचित कर दिया गया. शहाबुद्दीन सीवान की सीट से चार बार संसद सदस्य एवं दो बार विधायक चुने गए. वहीं हिना ने पिछले चुनावों में यहाँ किस्मत आजमाया लेकिन कभी सफल नहीं हुई. अब हिना ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर इस बार नामांकन किया है. 

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