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प्रेमी के पास पहुंची प्रेमिका,बोली अब बर्दाश्त नहीं हो रहा,शादी आज ही करनी है फिर जल्दी से ले ली सात फेरे,उसके बाद जो हुआ..

प्रेमी के पास पहुंची प्रेमिका,बोली अब बर्दाश्त नहीं हो रहा,शादी आज ही करनी है फिर जल्दी से ले ली सात फेरे,उसके बाद जो हुआ..

नीरज और प्रभा की पहली बार आंख चार हुई. तो दोनों का दिल एक दूसरे के लिए धड़कने लगा...बातचीत शुरु हुई, प्रगाढ़ता बढ़ती गई. इश्क परवान चढ़ने लगा...अब दोनों का एक दूसरे के बिना जीना दूभर हो गया...तो शादी के लिए परिवार वालों को बताया. लेकिन दोनों के परिवारवालों ने विरोध में तलवार तान लिया. इधर इश्क की आग और भड़क रही थी. तो प्रेमी प्रेमिका घरवालों के विरोध को दरकिनार करते हुए पुलिस की शरण में पहुंच गए. पुलिस ने थाने में मंडप बनवाया ,दोनों पक्षों को बुलाकर विवाह करा दिया और नीरज- प्रभा सदा के लिए एक दूसरे के हो गए...इसी बीच नीरज ने शादी के वाक्ये को अपने अंदाज में बताया... 

ये कहानी है चित्रकूट के मानिकपुर थानांतर्गत ग्राम दराई चुरह केशरूवा का . एक प्रेमी जोड़े नीरज पुत्र सुग्रीव और प्रभा पुत्री लवलेश का इश्क लंबे समय से चल रहा था.  लड़की के पिता ने उसकी शादी कहीं और करवाने का मन बना लिया. तो  लड़की ने थाना मानिकपुर में शिकायत दर्ज कराई और अपनी इच्छानुसार तयशुदा रिश्ते में शादी करने की बात कही.

थानाध्यक्षा रीता सिंह ने परिजनों से बात करके दोनों के बालिग होने की बात कही और दोनों के माता-पिता, परिवार और स्थानीय लोगो को थाने में बुलाकर समझाया-बुझाया. दोनों पक्ष शादी के लिए राजी हो गए. फिर क्या था थानाध्यक्षा ने थाने के शिव मंदिर में दोनों का मंडप सजवा दिया.पंडित को बुलाकर हिन्दू रीति-रिवाज के साथ विवाह कराया गया. पुलिसवालों ने सुखी जीवन की शुभकामनाएं देकर वर वधू को  विदा किया .

शादी के बाद दुल्हन ने कहा कि विवाह से मैं बहुत खुश हूं लेकिन मेरे परिवारवाले छह माह पहले यह रिश्ता करवा देते तो और बेहतर होता. मैं ही आज घर से निकलर अपने पति नीरज के घर पहुंची हूं. हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करते हैं. हम बहुत दिनों से प्रेम कर रहे थे. तो दूल्हे नीरज ने कहा कि लड़की के घरवाले शादी के लिए राजी नहीं थे. लड़की घर आई और कहने लगी कि शादी आज ही करनी है. फिर हम दोनों थाने पहुंचे और पूरी बात थानाध्यक्ष को बताई. उन्होंने हमारी शादी करवा दी. हम अपने विवाह से बहुत खुश हैं.

बहरहाल नीरज और प्रभा के लफ्ज से प्यार झलक रहा था. उनकी गुफ्तगू ऐसी की उनका सबसे बड़ा सपना साकार हो गया था. उनकी बातों में खुशी हीं खुशी थी . 


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