2019 के बाद पहली बार पूरी क्षमता से काम करेगा सुप्रीम कोर्ट, शीर्ष न्यायालय को 2 नए जज मिलने के साथ ही बना नया रिकॉर्ड

पटना. सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या अब पूरी क्षमता के साथ काम करने योग्य हो गई है। यह वर्ष 2019 के बाद पहला मौका है जब सुप्रीम कोर्ट पूर्ण क्षमता के साथ काम करने की स्थिति में पहुंचा है। राष्ट्रपति ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर मुहर लगाई है। 

केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत की क्षमता को पूर्ण करते हुए उच्चतम न्यायालय के दो नए न्यायाधीशों की नियुक्ति की है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बात को ट्विटर पर साझा करते हुए कहा कि दो उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीशों को शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत किया गया, जिससे शीर्ष अदालत की कुल शक्ति अधिकतम 34 न्यायाधीशों तक पहुंच गई।

कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने ट्वीट किया भारत के संविधान के तहत प्रावधानों के अनुसार, भारत के माननीय राष्ट्रपति ने उच्च न्यायालय के निम्नलिखित मुख्य न्यायाधीशों को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया है। भारत के संविधान के प्रावधानों के तहत भारत की माननीय राष्ट्रपति ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस राजेश बिंदल और गुजरात हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस अरविंद कुमार को सुप्रीम कोर्ट में प्रमोट किया है।

एक बार शपथ लेने के बाद, शीर्ष अदालत भारत के मुख्य न्यायाधीश सहित 34 न्यायाधीशों की अपनी पूरी ताकत हासिल कर लेगी। सितंबर 2019 के बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने अपनी पूरी ताकत हासिल की है। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने पिछले महीने इनके नामों की सिफारिश की थी। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की नियुक्ति हुई थी।