Bihar News : एजेंट के चक्कर में ओमान में फंस गया बेगूसराय का रौशन कुमार, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के पहल से हुई घर वापसी, परिजनों की आँखों में ख़ुशी के छलके आंसू
Bihar News : नौकरी और मोटी पगार के लालच में बेगूसराय निवासी रौशन कुमार ओमान में दलालों के चगुल में फंस गया. इसके बाद परिजनों ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से गुहार लगाया. जिसके बाद उसकी घर वापसी हो सकी है...पढ़िए आगे
BEGUSARAI : नौकरी और मोटा पगार का सपना हर किसी का होता है। लेकिन एक होटल मैनेजमेंट किये लड़के का यह अरमान तब अभिशाप बन गया जब वह ओमान बड़े सपने के साथ गया, लेकिन एजेंट के चक्कर मे फंस गया। विदेश में फंसने का जब एहसास हुआ तो सपना चकनाचूर हो गया। वीजा भी उसका जप्त कर लिया गया। ऐसे में जब उसके परिजन बेगूसराय सांसद सह केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से मिलकर फरियाद लगाये। तब गिरिराज सिंह के पहल से उसकी घर वापसी हुई है। इकलौते बेटे के घर वापसी से घर में खुशी लौटी है। जी हां हम बात कर रहे हैं भगवानपुर प्रखंड के दहिया के कारपेंटर बलवंत शर्मा के इकलौते पुत्र रौशन कुमार की।
रौशन के घर वापस लौटने पर उनसे मिलने सांसद प्रतिनिधि प्रभाकर कुमार राय उनके घर पहुंचे और पूरी जानकारी प्राप्त की। साथ ही उसे अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। रौशन होटल मैनर्जमेंट किये हुए हैं। रौशन ने बताया कि वह देहरादून प्लेसमेंट एजेंसी के संपर्क में आया। कंपनी ने 80 हजार प्रतिमाह मिलने की बात कहकर ओमान भेजने की बात कही। पासपोर्ट बनवाया और उत्साह के साथ एक साल पहले 3 दिसम्बर 2023 को मुम्बई एयरपोर्ट से ओमान के मस्कट जाने के लिए पहुंचा। वहां फ्लाइट में जाने वक्त कंपनी ने कागज दिया जिसमें 80 हजार की जगह 26 हजार का महीना ही लिखा था। लेकिन एयरपोर्ट से लौट नहीं सकता था। वह ओमान के मस्कट पहुंचा जहां उसे पता चला कि कंपनी ने उसे भीएसफोर नामक कंपनी के हवाले किया है। उसकी ड्यूटी वहां फाइव स्टार मैरक्योर होटल में लगी। रौशन ने बताया कि 5 महीने के बाद उससे पासपोर्ट बैंक में एकाउंट खोलवाने के नाम पर कंपनी ने ले लिया और उसके बाद देने से इनकार कर दिया । समय के साथ उसे लगा कि यहां फंस चुके हैं। पासपोर्ट मांगने पर धमकी ही मिलती थी। अगस्त 2024 में वह उस कंपनी के चंगुल से भाग कर वहां कि भारतीय एम्बेसी से संपर्क किया। एम्बेसी ने कंपनी से बात कर फिर उसे उस कंपनी के पास भेजा। लेकिन वहां उसे टॉर्चर किया गया। तब वह उसी दिन छुपते छुपाते भाग निकला। रात कहीं कटी। अगले दिन एम्बेसी गया तो उसे गुरुद्वारा में रहने की व्यवस्था दिया गया। जहां भोजन फ्री में मिल जाता था।
इधर उसके परिजन केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह से बेगूसराय में मिले। गिरिराज सिंह ने विदेश मंत्रालय से हस्तक्षेप का निवेदन किया। तब वहां की एम्बेसी हरहत में आई। जिस कंपनी ने उसका पासपोर्ट जप्त किये थे। उससे 26 दिसम्बर 2024 को पासपोर्ट लेकर पीड़ित रौशन को भारतीय एम्बेसी ने दिया और वहां से लखनऊ 28 दिसम्बर का फ्लाइट का टिकट भी दिया। लेकिन डरा सहमा रौशन खुद अगले दिन 27 दिसम्बर का मुम्बई का फ्लाइट का टिकट लेकर स्वदेश वापस लौटा है । अपने घर दहिया आये रौशन ने सांसद प्रतिनिधि को अपनी पीड़ा बताते हुए रोने लगा । कहा डर से नींद नहीं आती थी। नीद का टैबलेट खाना पड़ता था। रौशन ने कहा कि नून रोटी खा ले। लेकिन युवा ऐसे कंपनी के झांसे में विदेश नहीं जाए। हम तो गिरिराज सिंह के पहल से वापस आ गए। लेकिन सैकड़ों लोग वहां ऐसे ही फंसे हुए हैं । उसके पिता और दादा जी ने कहा कि अब कभी विदेश नहीं जाने देंगे, आज गिरिराज सिंह नहीं होते तो मेरा बेटा वापस नहीं आता। रौशन के पिता बलवंत शर्मा ने बताया कि इकलौते बेटे के फंसे होने की जानकारी मिलने के बाद से उसकी मां मरणासन हो गई थी। परिवार के लोगों ने सांसद के प्रति आभार जताया। भाजपा नेता प्रभाकर कुमार राय ने बताया कि गिरिराज सिंह को जानकारी मिलने के बाद से इनके ग्रामीण प्रमोद जी लगातार संपर्क में थे। मंत्री जी के प्रयास से रौशन सकुशल वापस आये हैं जो परिवार रोते हुए मंत्री जी से बेटे की वापसी के लिए मिले थे। उनके घर पर पहुंचा तो आज खुशी के आंसू देख रहा था।
बेगूसराय से अजय शास्त्री की रिपोर्ट