विधानसभा चुनाव से पहले बिहार पर मेहरबान मोदी सरकार, नीतीश कुमार के गृह जिले में 2192 करोड़ के प्रोजेक्ट को दी मंजूरी
New Delhi - बिहार विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार लगातार कई घोषणाएं कर रही है। आज मोदी कैबिनेट की मीटिंग में बिहार से जुड़े कई प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है। जिसमें एक बड़ा प्रोजेक्ट सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले से जुड़ा है. केंद्रीय कैबिनेट ने हाल ही में बिहार के लिए एक महत्वपूर्ण रेलवे परियोजना को मंजूरी दी है, जिसके तहत बख्तियारपुर-राजगीर-तिलैया के बीच मौजूदा सिंगल रेलवे लाइन को डबल किया जाएगा। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र में रेलवे नेटवर्क की क्षमता और गति को बढ़ाना है। यह निर्णय बिहार के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है। डबलिंग से न केवल ट्रेनों की आवाजाही सुगम होगी बल्कि यात्रा का समय भी कम होगा, जिससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
यह परियोजना लगभग 104 किलोमीटर की दूरी को कवर करेगी और इसकी अनुमानित लागत 2,192 करोड़ रुपये है। इस भारी निवेश से यह साफ है कि सरकार इस क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है। यह रेलवे लाइन बिहार के चार जिलों से होकर गुजरेगी, जिससे इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सीधा लाभ मिलेगा। यह परियोजना न केवल यात्री ट्रेनों के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि मालगाड़ियों की आवाजाही को भी सुगम बनाएगी, जिससे व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा।
इस परियोजना का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि यह राजगीर (शांति स्तूप), नालंदा और पावापुरी जैसे प्रमुख पर्यटन और तीर्थस्थलों को बेहतर रेल कनेक्टिविटी प्रदान करेगी। ये स्थल बौद्ध, जैन और हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। बेहतर कनेक्टिविटी से देश भर और विदेश से आने वाले पर्यटकों और तीर्थयात्रियों को सुविधा होगी, जिससे इन स्थानों पर पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
मल्टी-ट्रैकिंग परियोजना से बिहार के लगभग 1,434 गांवों और 13.46 लाख आबादी को सीधा फायदा होगा। यह कनेक्टिविटी दो आकांक्षी जिलों यानी गया और नवादा तक भी पहुंचेगी। इन जिलों में रहने वाले लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिलने से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा। यह परियोजना क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगी, खासकर निर्माण और रेलवे परिचालन के क्षेत्र में।
कुल मिलाकर, इस परियोजना को मंजूरी देना बिहार के विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल परिवहन व्यवस्था को सुधारेगी बल्कि क्षेत्र में पर्यटन, व्यापार और रोजगार को भी बढ़ावा देगी। यह कदम दिखाता है कि सरकार देश के हर हिस्से में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने और नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए गंभीर है। यह परियोजना बिहार के भविष्य के लिए एक उज्ज्वल संकेत है।