VIP security exposed: ट्रेन में अचानक गायब हुए केंद्रीय मंत्री! स्टाफ को भी नहीं थी खबर, VIP सुरक्षा की खुली पोल

VIP security exposed:दिल्ली से ट्रेन यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री के अचानक गायब होने की घटना ने रेलवे और प्रशासन में हड़कंप मचा दिया।

ट्रेन में अचानक गायब हुए केंद्रीय मंत्री!- फोटो : meta

VIP security exposed:  दिल्ली से जबलपुर की ट्रेन यात्रा के दौरान केंद्रीय जनजाति मामलों के मंत्री और ओडिशा के सुंदरगढ़ से सांसद जुएल उरांव के अचानक गायब होने की घटना ने रेलवे और प्रशासन में हड़कंप मचा दिया। शनिवार रात हजरत निजामुद्दीन स्टेशन से गोंडवाना एक्सप्रेस में सवार हुए मंत्री रविवार सुबह दमोह स्टेशन पर अपनी बर्थ से गायब पाए गए। लगभग 3 घंटे की तलाशी के बाद उन्हें 162 किलोमीटर दूर सिहोरा स्टेशन पर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के B3 कोच में घायल अवस्था में पाया गया। इस घटना ने रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। 

जुएल उरांव शनिवार रात दिल्ली से जबलपुर के लिए गोंडवाना एक्सप्रेस से रवाना हुए थे। वे जबलपुर से मंडला में एक कार्यक्रम में शामिल होने जा रहे थे। रविवार तड़के करीब 3:45 बजे दमोह स्टेशन पर जब ट्रेन रुकी, तो मंत्री अपनी बर्थ पर नहीं मिले। उनके स्टाफ और सुरक्षा कर्मियों को इसकी जानकारी मिलते ही हड़कंप मच गया। सूत्रों के अनुसार, उस समय मंत्री का शुगर लेवल कम हो गया था, जिसके चलते वे दमोह स्टेशन पर उतर गए। ट्रेन के चलने पर वे दोबारा चढ़ने की कोशिश में थे, लेकिन पैर फिसलने से गिर गए और उन्हें हाथ-पैर में चोटें आईं। इसी दौरान उसी प्लेटफॉर्म पर खड़ी संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में वे चढ़ गए, जबकि उनका स्टाफ और सुरक्षा कर्मी गोंडवाना एक्सप्रेस में ही रह गए।

मंत्री के गायब होने की सूचना मिलते ही रेलवे ने तत्काल सर्च ऑपरेशन शुरू किया। जबलपुर के सीनियर डीसीएम डॉ. मधुर वर्मा और सिहोरा में आरपीएफ पोस्ट प्रभारी राजीव खरब ने बताया कि मंत्री का फोटो सभी स्टेशनों और ट्रेनों के कर्मचारियों को भेजा गया। सभी ट्रेनों और आसपास के स्टेशनों पर तलाशी शुरू की गई। लगभग 3 घंटे बाद सुबह 6:55 बजे सिहोरा स्टेशन पर संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के टीसी ने मंत्री को कोच B3 की बर्थ नंबर 57 पर पहचान लिया। 

संपर्क क्रांति एक्सप्रेस में मिलने पर मंत्री को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया। उनके हाथ और दोनों घुटनों में हल्की चोटें थीं, लेकिन स्थिति स्थिर बताई गई। इसके बाद उन्हें जबलपुर लाया गया, जहां रेलवे के डॉक्टरों ने सर्किट हाउस में उनका इलाज किया। जबलपुर प्रशासन और रेलवे ने उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की। इस पूरे घटनाक्रम पर जुएल उरांव ने कहा कि यह एक सामान्य दुर्घटना थी। उन्होंने बताया कि कम शुगर लेवल के कारण वे दमोह में उतरे थे, और ट्रेन में चढ़ते समय पैर फिसलने से चोट लग गई। उन्होंने रेलवे और स्टाफ की त्वरित कार्रवाई की सराहना की। 

इस घटना ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था और वीआईपी यात्रा प्रोटोकॉल पर कई सवाल खड़े किए हैं। एक केंद्रीय मंत्री का इस तरह ट्रेन से गायब हो जाना और उनके स्टाफ को इसकी जानकारी न होना गंभीर चूक को दर्शाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि रात के समय प्लेटफॉर्म पर सतर्कता और सुरक्षा को और मजबूत करने की जरूरत है। रेलवे ने इस घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा शुरू कर दी है।