Vaishno Devi landslide : वैष्णो देवी यात्रा मार्ग में बड़ा हादसा, भूस्खलन की चपेट में आने से 30 श्रद्धालुओं की मौत, दर्जनों घायल, 22 ट्रेनें रद्द
वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर अर्धकुंवारी के पास स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के समीप हुए भूस्खलन की चपेट में आकर अब तक 30 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जबकि 23 अन्य घायल बताए जा रहे हैं।
landslide on Vaishno Devi : मूसलधार बारिश ने हिंदुओं के पवित्र तीर्थ स्थलों में एक जम्मू-कश्मीर के वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर गंभीर तबाही मचाई है। वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर अर्धकुंवारी के पास स्थित इंद्रप्रस्थ भोजनालय के समीप हुए भूस्खलन की चपेट में आकर अब तक 30 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जबकि 23 अन्य घायल बताए जा रहे हैं। श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने आधिकारिक बयान जारी करते हुए यात्रियों से अपील की है कि वे मौसम में सुधार होने तक यात्रा स्थगित करें और स्थिति सामान्य होने के बाद ही आगे की योजना बनाएं।
राहत और बचाव कार्य तेज
रियासी जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक परमवीर सिंह ने जानकारी दी कि भूस्खलन की संभावना को देखते हुए यात्रा को अस्थायी रूप से रोका गया है। मौके पर भारतीय सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और स्थानीय स्वयंसेवकों की संयुक्त टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। सेना के जवान लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और ज़रूरतमंदों को सहायता प्रदान करने में सक्रिय हैं।
बारिश से नदियां उफान पर, रेलवे ट्रैफिक प्रभावित
लगातार हो रही बारिश के कारण जम्मू-कश्मीर की कई नदियां उफान पर हैं, जिससे बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। रेलवे प्रशासन ने मंगलवार को 17 ट्रेनों को रद्द कर दिया, जिनमें से अधिकतर ट्रेनें पठानकोट और अमृतसर के बीच चलती थीं। बुधवार को भी 22 ट्रेनें, जिनमें उधमपुर, कटरा और जम्मू जाने वाली ट्रेनें शामिल हैं, निरस्त कर दी गईं।
6 घंटे में 22 सेंटीमीटर बारिश, 3,500 से अधिक लोगों को किया गया रेस्क्यू
मंगलवार को सुबह 11:30 बजे से शाम 5:30 बजे के बीच जम्मू में 22 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। इस दौरान हुई भारी वर्षा और बाढ़ के कारण 3,500 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। सभी प्रभावित लोगों को अस्थायी शिविरों में रखा गया है, जहां भोजन, साफ पानी और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।
प्रशासन की अपील
प्रशासन ने आम जनता से अपील की है कि वे जरूरत पड़ने पर ही घरों से निकलें, और मौसम विभाग व सरकारी निर्देशों का पालन करें। प्रशासन ने जम्मू के सभी स्कूलों में अस्थायी छुट्टियों की घोषणा कर दी है। वहीं, सांबा जिले के 30 निचले इलाके जलमग्न हो चुके हैं। जम्मू-कश्मीर में फिलहाल मौसम की मार से हालात गंभीर बने हुए हैं और राज्य प्रशासन हर संभव राहत व सहायता सुनिश्चित करने में जुटा हुआ है।