Mig 21 - भारतीय वायुसेना में एक युग का हुआ अंत, 63 साल के देश सेवा के बाद मिग-21 ने भरी आखिरी उड़ान, ऐसे हुई अंतिम विदाई
Mig 21 - भारतीय सेना के एक युग का आज समापन हो गया। छह दशक तक देश की सेवा करने के बाद फाइटर जेट मिग-21 को एयरफोर्स के बेड़ से रिटायर कर दिया गया।
N4N Desk - 63 साल देश की सेवा करने के बाद आज भारतीय फाइटर जेट मिग-26 रिटायर हो गया। जिसके बाद भारतीय वायुसेना के बेड़े से मिग जेट की जगह हमेशा के लिए खाली हो गई। चंडीगढ़ में आयोजित विदाई समारोह में मिग 21 ने अंतिम उड़ान भरी और आसमान को अपनी गर्जना से भर दिया। इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित इस अवसर पर प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल अनिल चौहान, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, एयर चीफ मार्शल ए पी सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।।
समारोह में वायु सेना ने मिग-21 को पूरे सम्मान के साथ विदाई दी। परेड, सलामी देकर उसके योगदान को याद किया। भारतीय वायुसेना में अब मिग-21 की विरासत तेजस फाइटर जेट संभालेगी।
सोवियत रूस से भारत ने खरीदा
MIG-21 साल 1963 में भारतीय वायु सेना में शामिल हुआ। यह कई युद्धों एवं अभियानों में शामिल होकर भारतीय सामारिक लक्ष्यों एवं अभियानों को पूरा किया। उस समय भारत ने इसे सोवियत संघ रूस से खरीदा था। मिग-21 का मूल डिजाइन सोवियत संघ के Mikoyan-Gurevich Design Bureau ने बनाया था। यह भारतीय वायुसेना का पहला सुपरसोनिक जेट फाइटर बना। फिर 1964 में मिग-21 को भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया। शुरू में इसे 'बैकबोन ऑफ आईएएफ' कहा जाता था।
पाकिस्तान के युद्ध में निभाई बड़ी भूमिका
1965 के भारत-पाक युद्ध में पहली बार युद्ध में मिग-21 को तैनात किया गया। उस वक्त यह भारतीय वायुसेना का सबसे तेज़ और आधुनिक जेट था।एयर डिफेंस और दुश्मन के विमानों को रोकने (interception) में इस्तेमाल प्रमुखता से हुआ। फिर 1971 का भारत-पाक युद्ध (बांग्लादेश मुक्ति युद्ध) में इस युद्ध में मिग-21 ने पाकिस्तानी विमानों को मात दी। और कई दुश्मन एयरबेस और ठिकानों पर बमबारी की। उसके बाद साल 1999 में करगिल युद्ध में भी मिग-21 का इस्तेमाल हुआ।
साल 1981 में भारतीय वायुसेना प्रमुख बने दिलबाग सिंह ने 1963 में यहां पहली मिग-21 स्क्वाड्रन का नेतृत्व किया था।वहीं IAF के सैकड़ों पायलटों ने इसे उड़ाकर प्रशिक्षण पाया और युद्ध का अनुभव लिया। MiG-21 साठ साल से ज्यादा तक सेवा में रहकर यह लंबे समय तक चलने वाला फाइटर जेट बन गया। हाल ही में ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में भारतीय वायुसेना ने कहा था, ‘छह दशकों की सेवा, साहस की अनगिनत कहानियां, एक ऐसा योद्धा जिसने राष्ट्र के गौरव को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।’