Bihar news - गिरती दीवार के पास खेल रहे दो बच्चों को बहादुर छात्रा ने बचाया, लेकिन खुद को बचाने में रही नाकाम, ग्रामीणों के निकले आंसू
Bihar news - जर्जर दीवार के गिरने से पहले छात्रा ने दो बच्चों को बचाया, लेकिन वह उस दीवार की चपेट में आ गई। बहादुर बेटी की मौत पर पूरे गांव के लोगों में आंसू थे।
Arrah - भोजपुर जिले के हसनबाजार थाना क्षेत्र के नोनार पंचायत में एक बेहद दुखद घटना हुई, जहाँ एक 15 साल की बहादुर छात्रा की दीवार के नीचे दबकर मौत हो गई। इस हादसे में दो अन्य बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है, क्योंकि रीमा कुमारी नाम की इस छात्रा ने अपनी जान जोखिम में डालकर दो छोटे बच्चों की जान बचाई।
ट्यूशन से लौट रही थी रीमा, बच्चों को बचाने के लिए खुद दी जान
यह घटना तब हुई जब रमसीडीह गांव की रहने वाली रीमा कुमारी ट्यूशन से अपने घर लौट रही थी। उसी दौरान, उसने देखा कि एक जर्जर दीवार गिरने वाली है और उसके नीचे दो बच्चे खेल रहे हैं। बिना एक पल सोचे, रीमा उन बच्चों को बचाने के लिए दौड़ी। उसने जयप्रकाश सिंह की 14 वर्षीय बेटी संध्या कुमारी और स्वर्गीय बृजेश सिंह के 8 वर्षीय बेटे सागर कुमार को खींचकर हटाना चाहा, लेकिन इसी प्रयास में वह खुद गिरती हुई दीवार के मलबे में दब गई। इस दुखद हादसे में रीमा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
घायल बच्चों का चल रहा है इलाज
इस हादसे में संध्या और सागर भी गंभीर रूप से घायल हो गए। सागर अपने पिता की 25 दिन पहले हुई मौत के बाद अपने ननिहाल आया हुआ था। सूचना मिलते ही हसनबजार थाना पुलिस मौके पर पहुंची। रीमा के शव को पोस्टमार्टम के लिए आरा सदर अस्पताल भेजा गया, जबकि घायल बच्चों को प्राथमिक उपचार के बाद बेहतर इलाज के लिए आरा रेफर कर दिया गया है।
परिवार में मातम, हर तरफ रीमा की बहादुरी की चर्चा
अपनी बेटी को खोने के बाद रीमा के पिता अवधेश यादव और पूरा परिवार सदमे में है। उनका रो-रोकर बुरा हाल है। जहाँ एक ओर परिवार इस दुख से टूट चुका है, वहीं दूसरी ओर पूरे गांव में रीमा की बहादुरी की चर्चा हो रही है। अपनी जान देकर दूसरों की जान बचाने का उसका यह साहसिक कार्य लोगों के लिए एक मिसाल बन गया है। इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि कुछ लोग अपनी बहादुरी से दुनिया में एक अमिट छाप छोड़ जाते हैं।
रिपोर्ट - आशीष श्रीवास्तव