Bihar News : बांका में धड़ल्ले से हो रही यूरिया खाद की कालाबाजारी, बिस्कोमान ने खड़े किये हाथ, कहा-आउट ऑफ़ स्टॉक है खाद

Bihar News : बिहार में किसानों गेहूं और मक्के की खेती के लिए यूरिया खाद की बेहद जरुरत है। लेकिन बाज़ार में खाद की बेहद कमी है। इसके मद्देनजर जमकर खाद की कालाबाज़ारी हो रही है...पढ़िए आगे

Bihar News : बांका में धड़ल्ले से हो रही यूरिया खाद की कालाबाजारी, बिस्कोमान ने खड़े किये हाथ, कहा-आउट ऑफ़ स्टॉक है खाद
खाद की कालाबाजारी - फोटो : CHANDRASHEKHAR BHAGAT

BANKA : जिले में यूरिया खाद की घोर किल्लत को देखते हुए खाद विक्रेताओं की चांदी कट रही है। पटवन के बाद गेहूं और मक्के में यूरिया खाद देना बहुत जरूरी हो गया है नहीं तो फसल  बर्बाद हो जाएगा। इस तरह  से मजबूर किसानों की मजबूरी का फायदा  खाद विक्रेता  जमकर  उठा रहे हैं। खाद की कालाबाजारी और  अवैध उगाही का खेल  जिले के अमरपुर  बाजार के दुकानदारों में संबंधित पदाधिकारी की मिली भगत से बहुत दिनों से चल रहा है। प्रशासनिक कार्रवाई नहीं होने से दुकानदारों का मनोबल काफी बढ़ा हुआ है। और गरीब किसानों की पॉकेट खाली कर रहे हैं। इस तरह प्रतिदिन ठेले, साइकिल, ई-रिक्शा पर किसान खाद ले रहे है। सलेमपुर से खाद लेने आए  करीब दो दर्जन से अधिक  लाचार बेबस किसान परेशान है और कीमत से ज्यादा दम में खाद खरीद रहे है। किसानों से  पूछने पर बताया कि 400 में भी यूरिया सीमित समय के लिए मिल रही।  कही 520 रुपया में मिलता है। हमलोग ऋण लेकर और धान बेचकर यूरिया गेहूं में देने के लिए  लेने आए हैं। चार बोरी यूरिया  के दा में दो बोरी मिल रही है। वहीं दूसरी ओर दुकानदार ऊंचे दाम में यूरिया देकर भी किसानों की सेवा करने की बात  कह रहे है। क्योंकि, अमरपुर के सृष्टि कृषि केन्द्र के दुकानदार  का कहना है कि  कि झारखंड से यूरिया खाद मंगवाकर दे रहे हैं। आपको क्या पता है? जिस खाद की सरकारी कीमत 266 रुपए है, उसे किसानों को 400 रुपए में बेचा जा रहा है। हम लोग किसानों की सेवा कर रहे हैं। सवाल यह उठता है कि झारखंड से यूरिया खाद आती कैसे हैं और कहीं जांच भी नहीं है होती और दुकानदारों तक पहुंच जाती है।

जिम्मेवार बोले

बिस्कोमान के क्षेत्रीय पदाधिकारी प्रभाष कुमार ने कहा की बिस्कोमान में यूरिया आउट ऑफ स्टॉक है। यूरिया खाद की किल्लत न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्र के दुकानों पर बल्कि शहरों में भी है। बिस्कोमान में भी यूरिया उपलब्ध नहीं है। रोजाना किसान बिस्कोमान खाद के लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन वहां आउट ऑफ स्टॉक का बोर्ड लगा दिया गया है। बिस्कोमान में 27 जनवरी के बाद से ही यूरिया खाद आउट ऑफ स्टॉक है। इस सीजन में हर साल 8 हजार बोरी की जरूरत होती है, लेकिन इस वर्ष दो बार में महज 1500 यूरिया ही खाद की बोरी अलॉट की गयी है। सवाल यह भी उठता है कि ₹400 प्रति बोरे में बेचने पर दुकानदारों पर अब तक कार्रवाई क्यों नहीं हुई। संबंधित पदाधिकारी की मिलीभगत से खाद की कालाबाजारी का अमरपुर के किसान कृषि केंद्र और सृष्टि कृषि केंद्र में खुलेआम  खेल हो रहा है।

क्या कहते है पदधारी

बांका डीएओ दीपक कुमार ने बताया की अमरपुर के खाद दुकानदार के बारे में ऊंची कीमत पर खाद बेचने की जानकारी मिली है। ये दुकानदार झारखंड से यूरिया खाद मंगवाकर बेच रहे हैं। जिसको लेकर दुकानदार से स्पष्टीकरण मांगा है। जांच रिपोर्ट आने के बाद अगर दुकानदार की गलती पायी जाएगी, तो खाद दुकान का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। 

बांका से चंद्रशेखर कुमार भगत की रिपोर्ट

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