छात्रा को गर्भवती करने वाले कलयुगी शिक्षक को 20 साल की कठोर कैद, कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला
Bettiah : बगहा व्यवहार न्यायालय ने शिक्षा के मंदिर को कलंकित करने वाले एक मामले में सख्त फैसला सुनाते हुए आरोपी शिक्षक को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा दी है। भितहा थाना कांड संख्या 127/2023 में स्पीडी ट्रायल के तहत सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आरोपी राम याद यादव को दोषी करार दिया है.
सजा और जुर्माने का विवरण विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि न्यायालय ने आरोपी को विभिन्न धाराओं में सजा सुनाई है। भादवि की धारा 376(3) के तहत 20 वर्ष का कठोर कारावास और 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। वहीं, पॉक्सो एक्ट की धारा 4 और 6 के तहत भी 20-20 वर्ष की सजा और 20-20 हजार रुपये का अर्थदंड दिया गया है। दोषी पर कुल 61,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जिसका भुगतान न करने पर उसे अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। इसके अलावा, न्यायालय ने पीड़िता को 'विक्टिम कंपनसेशन स्कीम' के तहत 3 लाख रुपये की सहायता राशि देने का भी आदेश दिया है।
स्कूल परिसर में रहकर करता था घिनौना काम घटना का विवरण देते हुए अभियोजक ने बताया कि आरोपी राम याद यादव एक प्राइवेट शिक्षक था और उसी स्कूल के एक कमरे में रहता था, जिसकी डायरेक्टर और मालकिन पीड़िता की मां थीं। वह पिछले दो वर्षों से छात्रा का यौन शोषण कर रहा था। जब छात्रा के माता-पिता घर पर नहीं होते थे, तब वह वहां खाना खाने जाता था और इसी दौरान पीड़िता के साथ जबरदस्ती करता था। आरोपी ने छात्रा को धमकी दी थी कि अगर उसने किसी को बताया तो उसके माता-पिता की हत्या कर दी जाएगी।
पेट दर्द होने पर खुला राज इस जघन्य अपराध का खुलासा घटना के चार महीने बाद हुआ। पीड़िता के पेट में अचानक दर्द होने पर जब उसकी मां ने मेडिकल जांच कराई, तो छात्रा के गर्भवती होने की पुष्टि हुई। कड़ाई से पूछताछ करने पर पीड़िता ने शिक्षक राम याद यादव का नाम लिया। इसके बाद भितहा थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
स्पीडी ट्रायल से मिला न्याय पश्चिम चंपारण के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक (बगहा) ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला जज से इसे 'स्पीडी ट्रायल' के रूप में चलाने का अनुरोध किया था। इसी अनुरोध के आधार पर न्यायालय ने तेजी से सुनवाई पूरी की और आरोपी को सजा सुनाई।
रिपोर्ट - आशीष कुमार