Bihar Crime : बिहार में शराब तस्करी के आरोपी को 5 साल जेल की मिली सजा, एक लाख रूपये का लगाया जुर्माना

BHAGALPUR : बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून को प्रभावी ढंग से लागू करने की दिशा में न्यायालय ने एक कड़ा फैसला सुनाया है। बुधवार को उत्पाद-एक के विशेष न्यायाधीश सौरभ कुमार वर्मा की अदालत ने कहलगांव के अमडण्डा थाना क्षेत्र से जुड़े शराब तस्करी के एक मामले में सुनवाई पूरी करते हुए दोषी अनिल कुमार को 5 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई। विशेष वाद संख्या-1778/21 के तहत हुई इस अदालती कार्यवाही में कोर्ट ने अभियुक्त पर 1 लाख रुपये का भारी अर्थदंड भी लगाया है। जुर्माना राशि न भरने की स्थिति में दोषी को तीन माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

चेकिंग के दौरान पकड़ी गई थी विदेशी शराब

यह पूरा मामला 13 जुलाई 2021 का है, जब कहलगांव अनुमंडल के अमडण्डा थाना की पुलिस शाम के समय गश्ती पर थी। रानी बभिया स्थित शिव मंदिर के समीप छटपटिया चौक से संहौला जाने वाले मुख्य मार्ग पर पुलिस वाहनों की सघन जांच कर रही थी। इसी दौरान झारखंड नंबर की एक तेज रफ्तार ऑल्टो कार आती दिखी। पुलिस को देखकर चालक ने गाड़ी भगाने की कोशिश की, लेकिन सुरक्षाबलों की मुस्तैदी के कारण वह सफल नहीं हो सका। शिव मंदिर के पास गाड़ी छोड़कर भाग रहे युवक को पुलिस ने खदेड़कर दबोच लिया, जिसकी पहचान मधुसूदनपुर निवासी अनिल कुमार के रूप में हुई।

गाड़ी से बरामद हुई थी बड़ी खेप

पुलिस द्वारा पकड़ी गई झारखंड नंबर की उस कार की जब तलाशी ली गई, तो अधिकारी दंग रह गए। कार के भीतर से विभिन्न ब्रांडों की लगभग 90 लीटर विदेशी शराब बरामद की गई थी। अभियुक्त अनिल कुमार (पिता ब्रह्मदेव यादव) के खिलाफ बिहार मद्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2016 की धारा 30(ए) के तहत मामला दर्ज कर उसे जेल भेज दिया गया था। तभी से यह मामला विशेष अदालत में विचाराधीन था, जिस पर अब निर्णायक फैसला आया है।

अभियोजन पक्ष ने पेश किए पुख्ता सबूत

इस मामले में सरकार की ओर से प्रभावी पैरवी करते हुए अपर विशेष लोक अभियोजक ईश्वर चंद्र झा और विशेष लोक अभियोजक वासुदेव प्रसाद साह ने तमाम साक्ष्य कोर्ट के समक्ष रखे। अभियोजन पक्ष ने दलील दी कि अभियुक्त द्वारा किया गया अपराध समाज और कानून की व्यवस्था के विरुद्ध गंभीर श्रेणी का है। कोर्ट ने दलीलों और पुलिस द्वारा पेश किए गए सबूतों को पर्याप्त मानते हुए 10 दिसंबर को ही अनिल को दोषी करार दे दिया था, जिसकी सजा का औपचारिक ऐलान बुधवार को किया गया।

कानून का सख्त संदेश

न्यायाधीश सौरभ कुमार वर्मा द्वारा सुनाया गया यह फैसला शराब माफियाओं के लिए एक बड़ी चेतावनी माना जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कोर्ट ने न केवल जेल की सजा दी, बल्कि आर्थिक दंड के जरिए यह संदेश भी दिया कि नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। फिलहाल सजा सुनाए जाने के बाद दोषी को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। जिले में इस फैसले की काफी चर्चा हो रही है, क्योंकि यह शराबबंदी कानून के तहत त्वरित न्याय का एक प्रमुख उदाहरण है। 

बालमुकुन्द की रिपोर्ट