पटना के बाद अब इस शहर में शुरू हुआ मरीन ड्राइव का निर्माण, तट किनारे बैठ ले सकेंगे गंगा की लहरों का आनंद

गंगा किनारे प्रस्तावित बहुप्रतीक्षित मरीन ड्राइव परियोजना अब हकीकत में बदलने लगी है। सबौर प्रखंड के फरका पंचायत में पिलर गाड़कर मार्ग के सीमांकन का कार्य शुरू हो चुका है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन और स्वरोजगार की नई उम्मीदें जाग गई हैं।

N4N desk - भागलपुर में गंगा किनारे प्रस्तावित बहुप्रतीक्षित मरीन ड्राइव परियोजना अब हकीकत में बदलने लगी है। सबौर प्रखंड के फरका पंचायत में पिलर गाड़कर मार्ग के सीमांकन का कार्य शुरू हो चुका है, जिससे क्षेत्र में पर्यटन और स्वरोजगार की नई उम्मीदें जाग गई हैं। 

जमीन पर दिखने लगा आकार

बहुप्रतीक्षित मरीन ड्राइव परियोजना अब कागजों से निकलकर जमीन पर उतर आई है। सबौर प्रखंड की फरका पंचायत में जगह-जगह पिलर गाड़कर मार्ग को चिन्हित किया जा रहा है। इसे निर्माण कार्य की औपचारिक शुरुआत के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। इस हलचल से स्थानीय ग्रामीणों और क्षेत्रवासियों में खासा उत्साह है, क्योंकि यह क्षेत्र अब विकास के वैश्विक नक्शे पर मजबूती से उभरेगा। 

पर्यटन और स्वरोजगार को मिलेगा बढ़ावा

मरीन ड्राइव के निर्माण से गंगा तटवर्ती इलाकों का न केवल सौंदर्यीकरण होगा, बल्कि यह पर्यटन का एक बड़ा केंद्र बनेगा। इससे स्थानीय स्तर पर होटल, परिवहन और छोटे व्यापारियों के लिए रोजगार के हजारों नए अवसर पैदा होंगे। व्यापार और सेवा क्षेत्र को मिलने वाला यह सीधा लाभ इलाके की आर्थिक तस्वीर को पूरी तरह बदल देगा। 

भू-अर्जन और एनओसी की प्रक्रिया तेज

परियोजना के लिए बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (BSRDCL) ने जिला प्रशासन को भू-अर्जन प्रस्ताव (LAP) सौंप दिया है। अब भूमि की पहचान और सामाजिक प्रभाव आकलन (SIA) की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, जिसके बाद विधिवत भूमि अधिग्रहण होगा। जल संसाधन विभाग से बाढ़ नियंत्रण एनओसी (NOC) के लिए भी मुख्यालय स्तर पर प्रक्रिया जारी है। दो चरणों में होगा 75 किलोमीटर का निर्माण

हजारों करोड़ की लागत वाली यह महत्वाकांक्षी परियोजना दो मुख्य चरणों में पूरी होगी। जिसके पहले चरण में सफियाबाद से अजगैबीनाथ धाम तक 35 किमी लंबी मरीन ड्राइव का निर्माण होगा। वहीं दूसरे चरण में अजगैबीनाथ धाम से सबौर तक 40.80 किमी लंबा मार्ग तैयार किया जाएगा। 


भविष्य की तस्वीर और उम्मीदें

कार्यपालक अभियंता आदित्य प्रकाश के अनुसार, परियोजना को वन एवं पर्यावरण विभाग से भी शीघ्र अनापत्ति प्रमाण पत्र मिलने की उम्मीद है। पिलर खड़े होने के साथ ही यह साफ हो गया है कि भागलपुर का गंगा तट आने वाले समय में मुंबई के मरीन ड्राइव की तर्ज पर जगमगाएगा। यह परियोजना गंगा तटवर्ती क्षेत्रों के समग्र विकास को एक नई दिशा देने वाली साबित होगी।