Bihar News : भागलपुर में नाबालिग के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद भी पुलिस ने नहीं की कार्रवाई, अब लापरवाह थानेदार व आईओ को कोर्ट ने किया तलब

Bihar News : भागलपुर में नाबालिग के साथ दुष्कर्म के बाद हत्या को लेकर पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गयी. जिसके बाद पीड़ित परिजन कोर्ट की शरण में पहुंचे. जहाँ कोर्ट ने थानाध्यक्ष और आईओ को तलब किया है....पढ़िए आगे

Bihar News : भागलपुर में नाबालिग के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद भी पुलिस ने नहीं की कार्रवाई, अब लापरवाह थानेदार व आईओ को कोर्ट ने किया तलब

BHAGALPUR : ढाई साल बाद भी जब प्रशासन से न्याय नहीं मिला तो बेबस व लाचार मां न्याय के लिए न्यायालय की चौखट पर दस्तक देने पहुंची. अब उसे उम्मीद है कि न्याय पालिका से उसे न्याय मिलेगा और बेटी के बलात्कारी व हत्यारे को उसके गुनाहों की सजा भी मिलेगी. दरअसल पूरा मामला भागलपुर जिला के बाय पास थाना से जुड़ा है. ढाई साल पूर्व इंटर की छात्रा को जख्मी हालत में बाय पास थाना क्षेत्र के जोरली गांव से एक बजे रात्री में बरामद किया था. जिसे पुलिस ने इलाज हेतु मायागंज अस्पताल पहुँचाया और दूसरे दिन दोपहर 12 बजे इलाज के दौरान छात्रा की मौत हो गई. मामले में मृत्तिका की मां ने गांव के ही एक युवक पर बेटी से बलात्कार के बाद जहर देकर मार देने का आरोप लगाते हुए इसकी लिखित शिकायत बाय पास थाना को दिया था. 

इस बाबत समय बीतते गया. लेकिन पीड़ित को न्याय तो दूर केस उठाने को लेकर आरोपी द्वारा बार बार जान मारने की धमकी मिलती रही. कई बार जानलेवा हमला भी हुआ.अपनी व अपने परिजनों की सुरक्षा हेतु. उसने DSP ,SP, SSP व रेंज के सबसे बड़े अधिकारी डीआईजी तक अपनी फ़रियाद व गुहार लगाई. लेकिन नतीज़ा ढाक के तीन पात निकला. अंततः उसे कोर्ट की शरण लेनी पड़ी. पीड़िता ने कोर्ट को अपनी बेटी की मौत को लेकर पुलिसिया लापरवाही की पूरी व्यथा कथा रोते हुए सुनाया. उसने कोर्ट को बताया कि बेटी के मौत के बाद जाँच में जुटी पुलिस ने लापरवाही व अनदेखी की. मौके पर से पुलिस ने घटना से जुड़े प्रदर्श रूपेण साक्ष्य चादर,आरोपी का लोटा ,चप्पल तक संकलित नहीं किया. यहीं नहीं जो विसरा संकलन किया था. उसे भी दो साल तक थाने में ही रखा रहा.

अधिकारी के दबाव के बाद विसरा जाँच के लिए भेजा गया. जिसकी रिपोर्ट आज तक कोर्ट को भी सुपुर्द नहीं किया गया और ना ही आरोपी की गिरफ्तारी की गई. वहीं पूरे मामले में पीड़िता के अधिवक्ता दीपक कुमार सिन्हा ने पुलिसिया लापरवाही की घोर निंदा की और कहा कि हद तो यह है कि मृत्तिका नाबालिग थी. जिसका पुख्ता प्रमाण आधार व मृत्तिका के स्कूल सर्टिफिकेट से पुष्टि हो रही है. जिसे पुलिस ने अपनी निकम्मे पन के कारण बालिग करार दे दिया. यह मामला पॉस्को का भी बनता. लेकिन पुलिस ने इसे सामान्य धाराओं में आरोपी से लाभ लेकर उसे राहत दे दी. जिसे आज भागलपुर कोर्ट के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने  गंभीरता से लिया और  मामले में संज्ञान लेते हुए आगामी 25 मार्च को लापरवाह थाने दार व केस के आईओ को स शरीर उपस्थित का आदेश दिया है.

भागलपुर से बालमुकुन्द की रिपोर्ट 

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