Bihar News:सांसद सुधाकर सिंह ने नीतीश सरकार पर बोला हमला, कहा- कैमूर बना भ्रष्टाचार का हब, मनरेगा में हुई 6 करोड़ की लूट
Bihar News:सुधाकर सिंह ने मनरेगा घोटाले का बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि गेहूंनवा नदी की सफाई और खुदाई के नाम पर 60 योजनाएं खोली गईं। लेकिन एक टोकरी मिट्टी तक नहीं निकाली गई और फर्जी वेंडरों के जरिये 6 करोड़ रुपये की अवैध निकासी कर ली गई।
N4N डेस्क: बिहार के चर्चित कैमूर जिले के दुर्गावती में आयोजित सभा में राजद सांसद सुधाकर सिंह ने सरकार पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि कैमूर आज भ्रष्टाचार का गढ़ बन गया है।सुधाकर सिंह ने मनरेगा घोटाले का बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि गेहूंनवा नदी की सफाई और खुदाई के नाम पर 60 योजनाएं खोली गईं। लेकिन एक टोकरी मिट्टी तक नहीं निकाली गई और फर्जी वेंडरों के जरिये 6 करोड़ रुपये की अवैध निकासी कर ली गई।
उन्होंने गंगा जल योजना पर भी सवाल उठाए। सांसद ने कहा कि चुनाव आते ही गंगा की याद आती है। बीते 20 सालों से खेतों की सिंचाई लरमा, विश्वकर्मा, तियारा और जैतपुर पंप कैनाल से होती रही है। जमानिया में बिहार का हिस्सा 800 क्यूसेक है, लेकिन सरकार कह रही है कि सिर्फ 400 क्यूसेक लिया जाएगा। आखिर बाकी 400 क्यूसेक पानी हम क्यों छोड़ रहे हैं?
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कर्मनाशा नहर (लतीफशाह बियर, यूपी से निकलने वाली) जिसकी क्षमता 300 क्यूसेक है, वहां से भी बिहार सरकार पूरा पानी नहीं ले पा रही है।
सुधाकर सिंह ने पूर्व विधायक अंबिका यादव और उनके कुनबे पर तंज कसते हुए कहा कि छह साल विधायक रहे, लेकिन एक सामुदायिक भवन तक नहीं बनवा पाए। 12 साल दो विधायक रहे, लेकिन जितना काम और आंदोलन मैंने 11 दिन में किया, उतना उन्होंने 12 साल में भी नहीं किया।
मतदाता सूची पुनरीक्षण पर उन्होंने चुनाव आयोग पर भी सवाल खड़े किए “जब 2024 की मतदाता सूची सही थी तो 2025 में अचानक गलत कैसे हो गई?”
भूमि अधिग्रहण और किसानों के मुद्दे पर भी सुधाकर सिंह का तेवर सख्त रहा। उन्होंने कहा कि भारतमाला एक्सप्रेसवे के नाम पर किसानों का आर्थिक शोषण हो रहा है। यदि किसानों को उचित मुआवजा नहीं दिया गया तो वे कर्मनाशा बॉर्डर से झारखंड बॉर्डर तक ट्रैक्टर रैली निकालकर आंदोलन करेंगे। उन्होंने साफ कहा – “किसानों को न्याय हर हाल में मिलेगा, सरकार को झुकना ही पड़ेगा।”
सभा के दौरान सांसद ने यह भी बताया कि दुर्गावती के कर्मनाशा और खरसारा में फुट ओवर ब्रिज की स्वीकृति मिल गई है और खरसारा ओवर ब्रिज का टेंडर भी हो चुका है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लोगों की समस्याओं का समाधान उनकी पहली प्राथमिकता है।
रिपोर्ट- देव कुमार तिवारी