बिहार के लाल शरद विवेक सागर को पढ़ेगी दुनिया! हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के सिलेबस में शामिल किया गया चैप्टर
शरद सागर की प्रेरणादायक यात्रा यह दिखाती है कि किस तरह एक व्यक्ति अपने संकल्प और मेहनत से समाज में बड़े बदलाव ला सकता है।
Bihar sharad sagar: बिहार के शरद विवेक सागर को उनकी प्रेरणादायक सामाजिक उद्यमिता के लिए हार्वर्ड विश्वविद्यालय के नेतृत्व पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में यह कोर्स "नेतृत्व, उद्यमिता और शिक्षण" पर आधारित है और इसे प्रोफेसर मोनिका सी. हिगिंस और डॉ. उचे अमेची द्वारा पढ़ाया जाता है। शरद सागर, जो कि केवल 12 वैश्विक सामाजिक उद्यमियों में से एक हैं, उनके जीवन और कार्यों का हार्वर्ड के डॉक्टरेट छात्रों के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनना भारत के लिए एक गर्व की बात है।
हार्वर्ड में "नेतृत्व, उद्यमिता और शिक्षण" का कोर्स
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के ग्रेजुएट स्कूल ऑफ एजुकेशन में प्रोफेसर मोनिका हिगिंस और डॉ. उचे अमेची द्वारा पढ़ाया जाने वाला "नेतृत्व, उद्यमिता और शिक्षण" पाठ्यक्रम दुनिया के उन व्यक्तित्वों को सम्मानित करता है, जो समाज में महत्वपूर्ण बदलाव ला रहे हैं। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को सच्चे नेतृत्व और सामाजिक बदलाव के महत्व को समझाना है।
इस कोर्स में "A608 आफ्टर आवर्स पॉडकास्ट" का एक विशेष हिस्सा भी शामिल है, जिसमें शरद सागर का इंटरव्यू रिकॉर्ड किया गया है। इस इंटरव्यू में शरद ने अपनी जीवन यात्रा, डेक्सटेरिटी ग्लोबल की स्थापना, और समाज में उनके योगदान के बारे में विस्तार से बताया है।
शरद सागर की यात्रा: डेक्सटेरिटी ग्लोबल की स्थापना से लेकर हार्वर्ड तक
बिहार के शरद सागर ने केवल 16 वर्ष की आयु में "डेक्सटेरिटी ग्लोबल" नामक संगठन की स्थापना की थी। इस संगठन का उद्देश्य निम्न और मध्यम वर्ग के छात्रों को सशक्त बनाना है ताकि वे अपने शैक्षिक और नेतृत्व कौशल को बढ़ाकर वैश्विक स्तर पर उपलब्धियां हासिल कर सकें। इस मिशन के माध्यम से शरद ने हजारों छात्रों को प्रशिक्षित किया है, जिससे 275 करोड़ रुपये से अधिक की स्कॉलरशिप प्राप्त कर चुके हैं।
2016 में, उन्हें फोर्ब्स पत्रिका द्वारा "30 अंडर 30" की लिस्ट में विश्व के सबसे प्रभावशाली युवाओं में शामिल किया गया था। 2018 में, इंग्लैंड की महारानी एलिजाबेथ द्वारा उन्हें "क्वीन यंग लीडर्स" के रूप में मान्यता दी गई।
हार्वर्ड में शामिल होना: शरद सागर के लिए एक विशेष सम्मान
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने पर शरद ने इसे अपने लिए एक बड़ा सम्मान बताया। उन्होंने कहा, "हार्वर्ड के पाठ्यक्रम में शामिल होना मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है। मैं चाहता हूँ कि मेरे जैसे और भी युवा इस तरह के अवसरों का लाभ उठाकर समाज में सकारात्मक बदलाव लाएं।" शरद ने सोशल मीडिया पर भी इसे गर्व का क्षण बताते हुए अपने अनुयायियों के साथ साझा किया।
शरद सागर का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योगदान
शरद सागर ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के आयोजनों में भारत का प्रतिनिधित्व किया है और विभिन्न वैश्विक मंचों पर सामाजिक उद्यमिता और शिक्षा के क्षेत्र में अपने विचार साझा किए हैं। 2024 में, वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम ने उन्हें "यंग ग्लोबल लीडर" के रूप में मान्यता दी, जिससे वे इस सम्मान को प्राप्त करने वाले सबसे युवा भारतीय बने।
डेक्सटेरिटी ग्लोबल का प्रभाव: शिक्षा और नेतृत्व के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव
डेक्सटेरिटी ग्लोबल के माध्यम से, शरद सागर ने शिक्षा और नेतृत्व के क्षेत्र में अद्वितीय योगदान दिया है। हाल ही में, उनके संगठन के 35 छात्रों का अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाईडेन और फर्स्ट लेडी जिल बाईडेन द्वारा व्हाइट हाउस में स्वागत किया गया। इस पहल के तहत, भारतीय छात्रों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षण और विकास के अवसर मिले, जिससे वे वैश्विक स्तर पर भारत का नाम रोशन कर सकें।