Greater Patna Plan: बिहार के नक्शे पर ग्रेटर पटना की नई लकीर, सोनपुर से शहरी सियासत को मिलेगी रफ्तार, सरकार ने दी इन बड़ी योजनाओं को अनुमति
Greater Patna Plan: राजधानी पटना अब अपनी पुरानी भौगोलिक हदों को पीछे छोड़कर ग्रेटर पटना के नए अवतार में ढलने जा रही है।
Greater Patna Plan: बिहार की सियासत और शहरी विकास के नक्शे पर एक बड़ा फैसला दर्ज हो गया है। राजधानी पटना अब अपनी पुरानी भौगोलिक हदों को पीछे छोड़कर ग्रेटर पटना के नए अवतार में ढलने जा रही है। नीतीश सरकार ने जेपी सेतु के आगे सोनपुर इलाके में करीब 500 एकड़ जमीन पर आधुनिक सैटेलाइट टाउनशिप बसाने का ऐलान कर दिया है। यह फैसला सिर्फ शहरी विस्तार नहीं, बल्कि सत्ता की दूरदर्शी राजनीति का भी पैग़ाम माना जा रहा है।
नगर विकास विभाग ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम शुरू कर दिया है और अगले महीने से भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज की जाएगी। इससे पहले गया-डोभी, डुमरी, पुनपुन और बिहटा-सरमेरा रोड जैसे इलाकों पर मंथन हुआ, लेकिन कनेक्टिविटी और भविष्य की जरूरतों को देखते हुए सोनपुर को अंतिम मुहर मिली। विभागीय सूत्रों के मुताबिक, जेपी सेतु के समानांतर बन रहा नया पुल इस टाउनशिप को सीधे पटना से जोड़ देगा, जिससे रोजमर्रा की आवाजाही आसान होगी।
राज्य सरकार ने जमीन मालिकों को साथ लेने की रणनीति भी साफ कर दी है। अधिग्रहण के बाद 55 प्रतिशत विकसित जमीन वापस दी जाएगी और मुआवजा सर्किल रेट से करीब तीन गुना तक देने की तैयारी है। इससे प्रति एकड़ मुआवजा 1.30 करोड़ से 6 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। यह मॉडल सत्ता और जनता के बीच सहमति की सियासत का उदाहरण माना जा रहा है।
सोनपुर की यह टाउनशिप पूरी तरह प्लान्ड सिटी होगी चौड़ी सड़कें, पार्क, सामाजिक ढांचा और कमजोर वर्गों के लिए आवास की व्यवस्था के साथ। सरकार विकसित जमीन का एक हिस्सा बेचकर संसाधन जुटाएगी। मंशा साफ है नया शहर सिर्फ मकानों का नहीं, बल्कि रोजगार, निवेश और तरक्की का केंद्र बने।
सरकार की नजर सिर्फ पटना तक सीमित नहीं है। कैबिनेट ने बिहार शहरी आयोजना स्कीम नियमावली-2025 को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत राज्य के 43 शहरों में सैटेलाइट टाउनशिप विकसित होंगी। यह फैसला चुनावी सालों में विकास बनाम भीड़ की बहस को नई धार देता है।
जेपी सेतु के आगे बसने वाला यह नया शहर, ग्रेटर पटना की परिकल्पना को जमीन पर उतारने की पहली ठोस कोशिश है। अगर यह प्रयोग कामयाब हुआ, तो सोनपुर सिर्फ एक इलाका नहीं, बल्कि बिहार के शहरी भविष्य की सियासी मिसाल बन सकता है।