MP Pappu Yadav News: सांसद पप्पू यादव को गिरफ्तार क्यों नहीं किया?कोर्ट का कड़ा रुख,इंस्पेक्टर को भी हाजिर होने का आदेश....

8 नवंबर 1993 को मुहम्मदाबाद थाने के तत्कालीन प्रभारी वीएन सिंह ने सूचना के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया। इसमें आरोप लगाया गया कि पप्पू यादव और उमेश पासवान अपने समर्थकों के साथ UP में विरोधी दलों की चुनाव सभाओं में गड़बड़ी करने की योजना बना रहे हैं।

MP Pappu Yadav News: सांसद पप्पू यादव को गिरफ्तार क्यों नहीं किया?कोर्ट का कड़ा रुख,इंस्पेक्टर को भी हाजिर होने का आदेश....
पप्पू यादव पर सख्त गाजीपुर प्रशासन- फोटो : social media

MP Pappu Yadav News: बिहार के पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की गिरफ्तारी में देरी को लेकर अपर सत्र न्यायाधीश एमपी/एमएलए शक्ति सिंह की अदालत ने सख्ती दिखाई है। अदालत ने मुहम्मदाबाद थाने के प्रभारी निरीक्षक को 21 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है।

8 नवंबर 1993 को मुहम्मदाबाद थाने के तत्कालीन प्रभारी वीएन सिंह ने सूचना के आधार पर मुकदमा दर्ज कराया। इसमें आरोप लगाया गया कि पप्पू यादव और उमेश पासवान अपने समर्थकों के साथ उत्तर प्रदेश में विरोधी दलों की चुनाव सभाओं में गड़बड़ी करने की योजना बना रहे थे। इस वजह से चुनावी शांति भंग करने की आशंका के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई की और मामला दर्ज किया। मामले पर विचारण के बाद 31 जुलाई 2023 को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने सभी आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया। इसके बाद सितंबर में अभियोजन ने मजिस्ट्रेट के फैसले के खिलाफ जिला जज की अदालत में अपील की। मामला एमपी/एमएलए अदालत को स्थानांतरित कर दिया गया।

अदालत की कार्रवाई

22 अक्टूबर 2023 को पप्पू यादव और अन्य 10 आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया गया। 10 आरोपी अदालत में पेश हुए और वारंट निरस्त करा लिया। हालांकि, सांसद पप्पू यादव अदालत में अब तक हाजिर नहीं हुए। इसके बाद अदालत ने सांसद की गिरफ्तारी सुनिश्चित करने का आदेश दिया था। वहीं गिरफ्तारी में विफलता के बाद मुहम्मदाबाद थाने के प्रभारी निरीक्षक को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया गया है।

अगली सुनवाई

मामले की अगली सुनवाई 21 नवंबर 2024 को होगी। 1993 के इस मामले में सभी आरोपियों को पहले दोषमुक्त कर दिया गया था।अभियोजन पक्ष द्वारा अपील के बाद मामला दोबारा अदालत में विचाराधीन है। बार-बार समन और वारंट के बावजूद सांसद की गैर-हाजिरी ने मामला गंभीर बना दिया है।

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