Bihar Land : मोतिहारी में सीओ मैडम का अनोखा कारनामा, सरकारी जमीन का कर दिया दाखिल ख़ारिज, आनन फानन में हल्का कर्मचारी ने दायर किया परिवाद
Bihar Land : बिहार सरकार की सख्ती का राजस्व अधिकारियों की लापरवाही और कोताही का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी कड़ी में मोतिहारी में सीओ ने सरकारी जमीन का दाखिल ख़ारिज कर दिया है....पढ़िए आगे
MOTIHARI : मोतिहारी के कई अंचल में सरकार व राजस्व विभाग के भ्रष्टाचार पर सख्ती के आदेश का कोई असर नही है। कर्मचारी से लेकर अधिकारी तक मालामाल होने के लिए विभाग के नियम को ताक पर रखकर धड़ल्ले से सरकारी जमीन का बंदरबाट करने में जुटे है। विभाग सख्ती दिखाते हुए दाखिल खारिज व परिमार्जन में गड़बड़ी करने वाले बिहार के कई सीओ पर करवाई का डंडा चलाया है। उसके बाद भी दोनों हाथ से माल बटोरने व सरकार के जमीन का बंदरबाट करने से अंचल अधिकारी परहेज नही कर रहे है। ताजा मामला मोतिहारी जिला के हरसिद्धि अंचल का बताया जा रहा है। जहाँ हरसिद्धि सीओ मैडम ने करोड़ो के सरकारी जमीन का दाखिल खारिज कर दिया। जब इसकी भनक क्षेत्र के लोगों को लगी तो आनन फानन में हल्का कर्मचारी द्वारा दाखिल खारिज रद्द करने के लिए अरेराज डीसीएलआर कोर्ट में परिवाद दायर किया गया। हरसिद्धि अंचल की कारनामे की चर्चा सोशल मीडिया पर जोरों पर है। सोशल मीडिया पर चर्चा है कि एक सफेदपोश के फेवर में काम करते हुए करोड़ो के सरकारी जमीन से बिना अतिक्रमण हटाये ही पूर्व से चल रहे अतिक्रमण वाद को खत्म कर दिया गया। ग्रामीणों की माने तो हरसिद्धि अंचल के कार्यो की अगर सूक्ष्म तरिके से जांच कराया जाय तो भारी भ्रष्टाचार से इंकार नही किया जा सकता। कर्मचारी के डीसीएलआर के कोर्ट में परिवाद दायर के बाद सीओ मैडम सहित दोनो हल्का कर्मचारी पर कार्रवाई की तलवार लटकती नजर आ रही है।
लोगों का आरोप है की आमलोग अपने सभी कागजात के साथ दाखिल खारिज के लिए आवेदन कर रहे है तो बिना कोई ठोस कारण बताए उसे रिजेक्ट कर दिया जा रहा है। लेकिन दूसरी तरफ मोटा माल लेकर सरकारी जमीन की दाखिल खारिज कर दिया जा रहा है। जब लाखों की सरकारी जमीन की हरसिद्धि सीओ द्वारा दाखिल खारिज करने की चर्चा सोशल मीडिया पर आयी तो अंचल कार्यालय में हड़कंप मच गया। अपने ही बने जाल में फंसते देख हल्का कर्मचारी शशिकांत सूरज और अमरेन्द्र कुमार दुवेदी ने सरकारी जमीन की दाखिल खारिज को रद्द करने के लिए डीसीएलआर कोर्ट में परिवाद दायर किया गया है।
परिवाद दायर के बाद हरसिद्धि अंचल कार्यालय की करतूत की चर्चा तेज हो गयी है। वही सूत्रो की माने तो जब अंचल कार्यालय का कार्य निराला है। करोड़ो के सरकारी जमीन पर चल रहे अतिक्रमणवाद को मोटी रकम लेकर बिना अतिक्रमण हटाये ही अतिक्रमण वाद को निरस्त कर दिया गया। भूमाफियाओं व अधिकारी की साठगांठ का कईं नमूना अगर अंचल कार्यालय का सूक्ष्म तरीके से जांच किया जाय तो खुलासे से इनकार नही किया जा सकता। ग्रामीणों ने राजस्व मंत्री से हरसिद्धि अंचल के जांच कराकर करोड़ो की सरकारी जमीन के फर्जीवाड़ा का खुलासा कर दोषी अधिकारी पर करवाई की मांग किया जा रहा है। हरसिद्धि अंचल के करोड़ो के सरकारी जमीन के फर्जीवाड़ा खोजने को लेकर प्रशिद्ध आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या कर आवाज को बंद कर दिया गया था।
मोतिहारी से हिमांशु की रिपोर्ट