Bihar Politics:राहुल गांधी के बिहार दौरे में बड़ा ट्विस्ट, अंबेडकर छात्रावास में रोक, टाउन हॉल में मिली अनुमति, न्याय संवाद यात्रा की होगी धमाकेदार शुरुआत

Bihar Politics:आज सुबह 11 बजे राहुल गांधी दरभंगा के टाउन हॉल में छात्रों से मुलाकात करेंगे, जिसके साथ ही कांग्रेस की महत्वाकांक्षी 'न्याय संवाद यात्रा' की शुरुआत होगी।

न्याय संवाद यात्रा की होगी धमाकेदार शुरुआत- फोटो : social media

Darbhanga: कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बिहार दौरे को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। दरभंगा जिला प्रशासन ने पहले अंबेडकर कल्याण छात्रावास में दलित और अनुसूचित जनजाति  छात्रों के साथ राहुल गांधी के संवाद कार्यक्रम की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, लेकिन अब टाउन हॉल में इस कार्यक्रम को हरी झंडी दे दी गई है। 15 मई 2025 को सुबह 11 बजे राहुल गांधी दरभंगा के टाउन हॉल में छात्रों से मुलाकात करेंगे, जिसके साथ ही कांग्रेस की महत्वाकांक्षी 'न्याय संवाद यात्रा' की शुरुआत होगी। यह कदम बिहार विधानसभा चुनाव से पहले दलित और पिछड़े वर्गों को साधने की कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

क्या है न्याय संवाद यात्रा?

कांग्रेस पार्टी 15 मई से बिहार में 'न्याय संवाद' श्रृंखला शुरू कर रही है, जिसके तहत पार्टी विभिन्न वर्गों—छात्रों, दलितों, पिछड़ों और सामाजिक कार्यकर्ताओं—के साथ संवाद कर उनके मुद्दों को समझेगी और इसके आधार पर 'न्याय पत्र' तैयार करेगी। इस अभियान की शुरुआत दरभंगा से होनी थी, जहां राहुल गांधी अंबेडकर छात्रावास में दलित और SC/ST छात्रों से उनकी समस्याओं, खासकर शिक्षा और छात्रवृत्ति से जुड़े मुद्दों पर बात करने वाले थे। हालांकि, जिला प्रशासन ने बिना कारण बताए इसकी अनुमति नहीं दी, जिसे कांग्रेस ने सत्तारूढ़ जदयू-भाजपा गठबंधन का "दमनकारी कदम" करार दिया। कांग्रेस प्रवक्ता अभय दुबे ने कहा, "यह दलितों की आवाज को दबाने की साजिश है, लेकिन राहुल गांधी सामाजिक न्याय की लड़ाई को और मजबूत करेंगे।"

टाउन हॉल में होगा नया आयोजन

लंबी जद्दोजहद के बाद दरभंगा प्रशासन ने देर रात टाउन हॉल में राहुल गांधी के कार्यक्रम की अनुमति दी। यह कार्यक्रम सुबह 11 बजे शुरू होगा, जिसमें करीब 2,000 छात्र, खासकर OBC, EBC, SC और अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र हिस्सा लेंगे। राहुल गांधी छात्रों की समस्याएं सुनेंगे और शिक्षा में न्याय, जैसे कि OBC, EBC और दलित छात्रों के लिए पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति में देरी और शिक्षा के अधिकार अधिनियम के खराब कार्यान्वयन, जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे।

पटना में 'फुले' और सामाजिक न्याय पर जोर

दरभंगा के बाद राहुल गांधी दोपहर 2 बजे पटना के पीएन मॉल में सामाजिक सुधारक ज्योतिराव फुले और सावित्रीबाई फुले पर आधारित फिल्म 'फुले' देखेंगे। इस आयोजन में दलित कार्यकर्ता, सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधि और सामाजिक न्याय के लिए काम करने वाले लोग शामिल होंगे। यह कदम दलित वोट बैंक को लामबंद करने और कांग्रेस की सामाजिक न्याय की छवि को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा है। इसके बाद राहुल सामाजिक न्याय कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत करेंगे, जिसमें जाति जनगणना और आरक्षण की 50% सीमा को हटाने जैसे मुद्दे छाए रहेंगे।

जाति जनगणना और आरक्षण: कांग्रेस की नैतिक जीत

केंद्र सरकार के जाति जनगणना कराने के हालिया फैसले को कांग्रेस अपनी नैतिक जीत मान रही है। राहुल गांधी इस मुद्दे को बिहार में जोर-शोर से उठा रहे हैं। वह तेलंगाना के जाति सर्वेक्षण को देश के लिए एक मॉडल बताते हैं और मांग कर रहे हैं कि जाति जनगणना का स्पष्ट समय-सीमा तय हो। इसके अलावा, राहुल गांधी 50% आरक्षण की सीमा को हटाने और निजी क्षेत्र में OBC, SC और ST समुदायों के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने की मांग को फिर से दोहराएंगे। उन्होंने कहा, "जाति जनगणना समाज का एक्स-रे है। यह दिखाएगा कि OBC, दलित और आदिवासी समाज में कितनी भागीदारी रखते हैं।"

कांग्रेस की बिहार में नई रणनीति

बिहार में 2025 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस अपनी जमीन मजबूत करने में जुटी है। हाल ही में पार्टी ने दलित नेता राजेश राम को बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया और जिला समितियों में दलितों और पिछड़ों की भागीदारी बढ़ाई। राहुल गांधी की बिहार में लगातार यात्राएं और सामाजिक न्याय पर जोर इस बात का संकेत है कि पार्टी दलित और EBC वोटरों को फिर से अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा, पार्टी के 60 से अधिक राष्ट्रीय नेता बिहार के अलग-अलग हिस्सों में 'न्याय संवाद' के तहत विभिन्न समुदायों से मुलाकात करेंगे।

विवाद और सियासी तनाव

दरभंगा में अंबेडकर छात्रावास के कार्यक्रम पर रोक लगने के बाद कांग्रेस ने जदयू-भाजपा गठबंधन पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया। जन अधिकार पार्टी के नेता पप्पू यादव ने भी इसे "दलितों की अव्यवस्था छिपाने की साजिश" बताया। हालांकि, प्रशासन ने टाउन हॉल में अनुमति देकर मामले को शांत करने की कोशिश की है। फिर भी, यह विवाद बिहार की सियासत में नया रंग ला सकता है, खासकर तब जब विधानसभा चुनाव नजदीक हैं।