Bihar News: गयाजी में तीन की मौत से मातम, बोरसी तापने के दौरान दम घुटने से गई जान, ठंड का कहर

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तीन की मौत से मातम - फोटो : social media

Bihar News:  देशभर में कड़ाके की ठंड और शीतलहर का प्रकोप जारी है। इसी बीच बिहार का गया जिला एक बार फिर मौसम की मार से सुर्खियों में है। कर्क रेखा से गुजरने वाला गया शहर भीषण गर्मी हो या कड़ाके की ठंड दोनों ही परिस्थितियों में अत्यधिक तापमान का दंश झेलता है। जहां गर्मी के मौसम में लू और तापलहर से दर्जनों लोगों की जान चली जाती है, वहीं ठंड के दिनों में भी हालात जानलेवा बन रहे हैं।

ठंड का कहर 

ताजा मामला गया जिले के फतेहपुर प्रखंड अंतर्गत कुर्किहार गांव के महादलित टोला से सामने आया है। जहां ठंड से बचने के लिए बोरसी तापने के दौरान दम घुटने से तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। मृतकों में 60 वर्षीय मीना देवी, उनका 5 वर्षीय नाती सुजीत कुमार और 6 वर्षीय नातिन अंशी कुमारी शामिल हैं। जानकारी के अनुसार, मंगलवार रात परिवार के चार सदस्य एक ही कमरे में सो रहे थे। ठंड से बचने के लिए कमरे में बोरसी जलाई गई थी। कमरा बंद रहने के कारण उसमें गैस भर गई और ऑक्सीजन की कमी हो गई। इसी दौरान मीना देवी और दोनों बच्चों की दम घुटने से मौत हो गई।

बोरसी बनी काल 

परिजनों के अनुसार, कड़ाके की ठंड से बचने के लिए घर के अंदर बोरसी जलाई गई थी। इसी दौरान धुएं और गैस से दम घुटने की आशंका है। सुबह जब 35 वर्षीय काजल देवी ने अपनी मां मीना देवी को जगाने की कोशिश की तो वे अचेत अवस्था में मिलीं। पास में सो रहे दोनों बच्चे भी मृत पाए गए। घटना की सूचना मिलते ही इलाके में कोहराम मच गया। पूरे महादलित टोले में शोक का माहौल है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को तत्काल सहायता और मुआवजा देने की मांग की है।

तीन की मौत से मातम 

एक साथ तीन मौतों से कुर्कीहार गांव में मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है। गौरतलब है कि करीब 15 दिन पहले भी वजीरगंज के दखिनगांव में बोरसी से दम घुटने के कारण दो लोगों की मौत हो चुकी है, जिससे ठंड के मौसम में इस तरह के हादसों को लेकर चिंता बढ़ गई है।  यह घटना एक बार फिर ठंड के मौसम में सुरक्षा उपायों की कमी और गरीब तबके की मजबूरी को उजागर करती है। विशेषज्ञों का कहना है कि बंद कमरे में बोरसी या अलाव जलाना जानलेवा साबित हो सकता है।

गया जी से मनोज की रिपोर्ट