Bihar Vidhansabha Chunav 2025 : गया में राजद प्रत्याशी विश्वनाथ यादव ने लगाया आरोप, कहा सरकारी तंत्र का हो रहा उपयोग

GAYA : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान के बीच, बेलागंज विधानसभा क्षेत्र से महागठबंधन के राजद प्रत्याशी विश्वनाथ कुमार यादव ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने एक प्रेस वार्ता के दौरान पत्रकारों को बताया कि सरकारी तंत्र का बड़े ही सुनियोजित ढंग से दुरुपयोग किया जा रहा है। यादव ने सीधे तौर पर जिला प्रशासन के एक आला अधिकारी पर जदयू प्रत्याशी के पक्ष में काम करने और चुनाव को प्रभावित करने का आरोप लगाया है, जिससे बेलागंज में चुनावी माहौल गरमा गया है।

राजद प्रत्याशी विश्वनाथ कुमार यादव ने अपने खिलाफ दर्ज किए गए मामलों पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने बताया कि चुनाव की घोषणा से ठीक पहले तक उनके ऊपर एक भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं था। हालांकि, चुनाव की घोषणा होते ही उन पर पॉकेटमारी जैसे हास्यास्पद आरोप सहित चार केस दर्ज कर दिए गए हैं। यादव का कहना है कि ये केस पूरी तरह से मनगढ़ंत हैं और उन्हें चुनाव प्रचार से दूर रखने की एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा हैं।

सिर्फ प्रत्याशी ही नहीं, बल्कि उनके समर्थकों और जनप्रतिनिधियों को भी प्रशासनिक कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। विश्वनाथ कुमार यादव ने आरोप लगाया कि उनके समर्थित जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं पर सीसीए (CCA) और 107 जैसे गंभीर केस लगाए जा रहे हैं। उनका मानना है कि इन कानूनी कार्रवाइयों का मुख्य उद्देश्य उनके समर्थकों को डराकर और चुनाव प्रक्रिया से वंचित करके, उनकी चुनावी रणनीति को कमजोर करना है। राजद प्रत्याशी ने इन सभी प्रशासनिक हरकतों के पीछे सत्तारूढ़ जदयू प्रत्याशी का हाथ बताया है। उन्होंने आशंका जताई है कि जदयू प्रत्याशी, प्रशासन के सहयोग से, पिछले उपचुनाव (By-Election) की तरह ही उन्हें हराने की साजिश रच रहे हैं। यादव ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रशासन एक तरफा होकर जदयू प्रत्याशी को मदद कर रहा है, जिससे निष्पक्ष चुनाव की संभावना प्रभावित हो रही है।

इन आरोपों के बाद बेलागंज का चुनावी मुकाबला अब कानूनी और राजनीतिक लड़ाई में बदल गया है। विश्वनाथ कुमार यादव ने यह गंभीर आशंका भी जताई है कि साजिश के तहत उन्हें भविष्य में भी किसी भी तरह के झूठे केस में फँसाया जा सकता है। उन्होंने चुनाव आयोग से मामले में हस्तक्षेप करने और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने की अपील की है। अब देखना यह है कि इन गंभीर आरोपों पर जिला प्रशासन और चुनाव आयोग क्या कदम उठाते हैं।

गया से मनोज की रिपोर्ट