Bihar Teacher News: 18000 शिक्षकों को मिलेगा सिर्फ राज्यकर्मी का दर्जा, नहीं ले पाएंगे प्रमोशन का लाभ, 12 हजार के साथ हो गया खेला
Bihar Teacher News: बिहार में सक्षमता परीक्षा पास करने वाले शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जा रहा है। लेकिन राज्यकर्मी दर्जा पाने वाले कई शिक्षकों के सामने कई चुनौतियां है आइए जानते हैं क्या है पूरी खबर
Bihar Teacher News: बिहार सरकार का यह फैसला 10 से 18 साल तक पढ़ाने वाले लगभग 1.87 लाख शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देना, शिक्षा क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह फैसला शिक्षकों को कई तरह के लाभ देगा जैसे कि महंगाई भत्ता, मकान किराया भत्ता, चिकित्सा भत्ता, शहरी परिवहन भत्ता आदि। साथ ही, उन्हें समय-समय पर वेतन और भत्तों में संशोधन का लाभ भी मिलेगा। लेकिन इस फैसले के साथ कुछ चुनौतियाँ भी जुड़ी हुई हैं। दरअसल, राज्यकर्मी का दर्जा पाने वाले 12 हजार शिक्षक 2 वर्ष में रिटायर हो जाएंगे। करीब 100 शिक्षक तो ऐसे हैं जिनका कार्यकाल अगले साल जुलाई यानी जुलाई 2025 में खत्म होने वाला है। ऐसे में माना जा रहा है कि राज्यकर्मी बनने के बाद भी ऐसे शिक्षक कई वेतन बढ़ने के सहित कई सुविधाओं से वंचित रह जाएंगे।
12 हजार शिक्षक 2 साल में हो जाएंगे रिटायर
इसमें सबसे बड़ी समस्या यह है कि शिक्षकों के पहले के अनुभव को नए सिरे से शुरू माना जा रहा है। इसका मतलब है कि उन शिक्षकों को, जो जल्द ही रिटायर होने वाले हैं, प्रमोशन का लाभ नहीं मिल पाएगा क्योंकि प्रमोशन के लिए न्यूनतम 3 साल का अनुभव होना जरूरी है। ऐसे में माना जा रहा है कि राज्य के करीब 12 हजार शिक्षक बिना प्रमोशन के ही रिटायर हो जाएंगे। जिन शिक्षकों का रिटायरमेंट जल्द है, उन्हें राज्यकर्मी के रूप में मिलने वाले सभी लाभों का पूरा लाभ नहीं मिल पाएगा। ट्रांसफर के मामले में भी कुछ अस्पष्टताएं हैं। कुछ शिक्षकों का मानना है कि पेंशन में कटौती कम होने से रिटायरमेंट के बाद उन्हें कम पैसा मिलेगा।
शिक्षकों की मांग
दरअसल, राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के बाद से शिक्षकों की नियुक्ति नई मानी जा रही है। ऐसे में शिक्षकों के पहले के अनुभव की गिनती शुन्य हो जा रही है। ऐसे में शिक्षक इसका विरोध कर रहे हैं। शिक्षक चाहते हैं कि उनके पहले के अनुभव को भी नए पद पर गिना जाए ताकि उन्हें प्रमोशन और अन्य लाभ मिल सकें। शिक्षकों का कहना है कि प्रधानाचार्य पद के लिए नियुक्ति के दौरान अनुभव की गिनती भी की गई थी। इसी तरह से आईटीआई परीक्षा में उप प्राचार्य के पदों पर नियुक्ति के लिए भी अनुभव की गिनती की गई है। ऐसे में राज्यकर्मी का दर्जा देने के दौरान शिक्षकों के भी अनुभव की गिनती की जाए।
सरकार का पक्ष
सरकार का कहना है कि सभी शिक्षकों को राज्यकर्मी के रूप में सभी सुविधाएं दी जाएंगी। दरअसल यह फैसला शिक्षकों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन इसमें कुछ कमियां भी हैं। ऐसे में माना जा रहा कि सरकार को शिक्षकों की मांगों पर गौर करते हुए उनके अनुभव को भी गिनने पर विचार करना चाहिए। साथ ही, रिटायरमेंट के करीब शिक्षकों के लिए विशेष प्रावधान किए जाने चाहिए ताकि उन्हें भी इस फैसले का पूरा लाभ मिल सके।
राज्यकर्मी बनने के बाद क्या फायदा होगा
राज्यकर्मी बनने के बाद शिक्षकों को महंगाई भत्ता, मकान, किराया भत्ता, चिकित्सा भत्ता, शहरी परिवहन भत्ता भी मिलेगा। समय-समय पर बेतन, भत्तों में संशोधन का लाभ मिलेगा। हर वर्ष बोनस, एरियर भी मिलेगा। इसके साथ ही 8 वर्ष की अवधि के बाद शिक्षकों की प्रोत्रति भी हो सकती है। डीईओ शिक्षकों को स्थानांतरित कर सकते हैं। पहले प्राथमिक शिक्षकों कक्षा को 25000 रुपए मूल वेतन मिलता था। मकान किराया भत्ता, चिकित्सा भत्ता, और शहरी परिवहन भत्ता भी मिलता था। जो लगभग 32 हजार के आसपास होता था। अब राज्यकर्मी बनते ही 1 से 5वीं क्लास तक के प्राथमिक शिक्षकों का मूल वेतन तो 25 हजार रुपए ही रहेगा। लेकिन नियोजित शिक्षकों को सकल वेतन के रूप में 44130 रुपए मिलेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि 42% डीए मिलेगा जो 10,500 रुपए होगा। 816 आवासीय भत्ता मिलेगा, जो मूल वेतन का 2 हजार रुपए होगा। सीटीए के रूप में 2130 रुपए मिलेंगे। मेडिकल मद में 1000 हजार रुपए मिलेगा। पेंशन फंड में 3500 रुपए जाएंगे।
कम समय तक राज्यकर्मी रहे शिक्षकों को नुकसान होगा
जिन शिक्षकों का कार्यकाल कम हैं उन्हें राज्यकर्मी बनने के बाद भी नुकासन होगा क्योंकिस पेंशन में कटौती कम और रिटायरमेंट के बाद कम पैसा मिलेगा। इन शिक्षकों की पदोन्नति भी नहीं हो सकेगी क्यों इसके लिए 8 वर्ष का सेवा होना जरुरी है। इनका वेतन भी एक बार ही बढ़ेगा। ऐसे शिक्षकों का कहना है कि उन्हें राजकर्मी बनने की खुशी तो है लेकिन इस बात का अफसोस भी है कि उनकी रिटायरमेंट जल्द हो जाएगी।