बिहारशरीफ रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी की चपेट में पिता-पुत्र की मौत

नालंदा जिले में अलग-अलग सड़क और रेल हादसों में कई लोगों की दर्दनाक मौत। जानें कैसे पटना जाने के दौरान पिता-पुत्र, बाइक सवार और नदी में डूबने से कई जानें गईं।

 बिहारशरीफ रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी की चपेट में पिता-पुत्र की मौत
बिहार के लिए काल बनकर आया शुक्रवार का दिन!- फोटो : freepik

Bihar Accident news: नालंदा जिले के बिहारशरीफ रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार (8 नवंबर)  को एक दुखद घटना घटी, जिसमें मालगाड़ी के झटके से पिता-पुत्र की मौत हो गई। मृतक पिंटू कुमार और उनका ढाई साल का बेटा आरव कुमार थे, जो पटना इलाज के लिए जा रहे थे। यह घटना उस समय हुई जब पिंटू कुमार अपनी पत्नी और बेटे के साथ प्लेटफार्म पर ट्रेन का इंतजार कर रहे थे। मालगाड़ी के झटके से दोनों को गंभीर चोटें आईं, और अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस घटना से परिवार में कोहराम मच गया है।


सड़क दुर्घटनाएं: अज्ञात वाहन की टक्कर से युवक की मौत

रहुई थाना क्षेत्र के सोनसा मोड़ के पास एक अन्य सड़क हादसे में अज्ञात वाहन की टक्कर से 30 वर्षीय सतीश पासवान की मौत हो गई। सतीश पटना के सालिमपुर गांव के निवासी थे और छठ पूजा में शामिल होने के लिए अपने ससुराल हरिपुर आए थे। प्रसाद खरीदने बाजार जाते समय उनकी बाइक को एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी और मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई।


कुचलने और डूबने से बच्चों की मृत्यु

समस्ती गांव के पास एक अज्ञात वाहन की चपेट में आकर 7 वर्षीय कारू कुमार की मौत हो गई। कारू छठ पूजा के लिए अपने ननिहाल आया था। इस हादसे के बाद ग्रामीणों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया और मुआवजा की मांग की। पुलिस द्वारा पोस्टमार्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिया गया।


इसी दिन बिंद थाना अंतर्गत जिराइन नदी में नहाते समय 15 वर्षीय धनंजय कुमार की डूबने से मौत हो गई। धनंजय अपने परिवार के साथ पटना के मुबारकपुर से आया था। इसके अलावा, पुनहा गांव में गोइठवा नदी में छठ पूजा के दौरान जल अर्पण करते समय 24 वर्षीय हिमांशु पटेल की भी डूबने से मौत हो गई।


नालंदा में एक ही दिन में दुर्घटनाओं से पैदा हुआ आक्रोश

नालंदा में एक ही दिन में हुई इन दुर्घटनाओं ने स्थानीय समुदाय में शोक और आक्रोश का माहौल पैदा कर दिया है। ये घटनाएं इस बात की ओर इशारा करती हैं कि सुरक्षा के प्रति जागरूकता और प्रशासनिक कदमों की कितनी अधिक आवश्यकता है। छठ पूजा के दौरान इस तरह की घटनाएं दुखदायी हैं और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत पर बल देती हैं।


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