BIHAR POLITICS - ‘एक व्यक्ति, एक पद’ नीति कराएगी बिहार मंत्रिमंडल से डा. दिलीप जायसवाल की छुट्टी

BIHAR POLITICS - BJP के प्रदेश अध्यक्ष डा. दिलीप जायसवाल को जल्द ही बिहार मंत्रिमंडल से हटाया जा सकता है। बताया जा रहा है कि इसको लेकर फैसला हो गया है और अगले कुछ दिनों में वह खुद मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं।

BIHAR POLITICS - ‘एक व्यक्ति, एक पद’ नीति कराएगी बिहार मंत्रिमंडल से डा. दिलीप जायसवाल की छुट्टी

PATNA - खरवास खत्म हो गया है. नीतीश सरकार के बहुप्रशिक्षित कैबिनेट का जल्द विस्तार हो सकता है. फिलहाल नीतीश सरकार की कैबिनेट में सीएम नीतीश कुमार और दो डिप्टी सीएम सहित 30 मंत्री हैं. माना यह भी जा रहा है कि बीजेपी के 4 नए चेहरे नीतीश कैबिनेट में शामिल होंगे.वर्तमान में नीतीश कैबिनेट में 6 मंत्री पद खाली हैं.कुछ नए चेहरों को भी जगह मिलने की संभावना है. साथ ही कुछ चेहरों के मंत्रीमंडल से विदाई भी होने की सम्भावना जताई जा रही है. 

वहीं दूसरी तरफ भाजपा नेतृत्व ने लगभग तय कर लिया है कि मंत्री पद से दिलीप जायसवाल की छुट्टी कर देनी है. वैसे, यह उसकी नीति भी रही है. देर-सबेर उस पर अमल होता ही है. डा. दिलीप जायसवाल उसी नीति की चपेट में आने वाले हैं. वह नीति है ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की. एक और दो की बात छोड़िये, डा. दिलीप जायसवाल एक साथ तीन पद संभाल रहे हैं. लम्बे समय से प्रदेश भाजपा के कोषाध्यक्ष हैं. बीच में उन्हें मंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त हो गया.

 इधर, कुछ दिनों पूर्व प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष पद पर आसीन करा दिये गये. दिलीप जायसवाल दो-तीन दिनों में औपचारिक रूप से अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे और अध्यक्ष चुने जाने के बाद दिलीप जायसवाल मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे देंगे. उनके स्थिति के एक सप्ताह के अंदर मंत्रिमंडल विस्तार को अंतिम रूप दिया जाएगा.

कारण और भी हैं

ऐसा माना जाता है कि ‘एक व्यक्ति, एक पद’ की नीति के तहत मंत्री पद से उनकी विदाई लगभग तय हो गयी है. विश्लेषकों के मुताबिक मंत्रिमंडल के आसन्न विस्तार में और कुछ जो हो, मंत्री के पद से डा. दिलीप जायसवाल की छुट्टी सुनिश्चित है. मंत्री पद से इस संभावित छुट्टी के कारण और भी हैं. सरकारी कार्यों में भ्रष्टाचार का खुला आरोप उछालने की बात तो है ही, भूमि सुधार विभाग मिलना भी एक बड़ा कारण है. 

इनको मिलेगा मौका

मंत्रिमंडल का विस्तार 2025 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रख किया जाना है. पार्टी एक ओर जातिगत समीकरण को भी साधना चाहती है तो दूसरी तरफ विधानसभा चुनाव को देखते हुए अलग-अलग क्षेत्र से प्रतिनिधित्व देना भी जरूरी है. भाजपा के हिस्से से दो-तीन नये चेहरों का जुड़ाव हो सकता है. इसमें पूर्व उप मुख्मंत्री रहे तारकेश्वर प्रसाद समेत भाजपा नेता सह दीघा विधायक संजीव चौरसिया का नाम प्रमुख दावेदारों की सूची में शामिल है. तो वही मंत्रिमंडल में एक भी यादव जाति के नेता नहीं है ऐसे में एमएलसी नवल किशोर यादव का नाम भी प्रमुख दावेदारों की सूची में शामिल है. पूर्व मंत्री जीवेश मिश्रा और प्रमोद कुमार का नाम भी दावेदारों की सूची में शामिल है. जदयू से भी संभवत: इतने ही. वैसे, आस मुकेश सहनी ने भी लगा रखी है. क्या होता है क्या नहीं, यह वक्त बतायेगा.

REPORT - KULDEEP BHARDWAJ

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