राजधानी पटना में चलेगी AK-47 वाला IPS की लॉ एंड ऑर्डर, जानें कौन है वो शख्स, जिसकी हो रही चर्चा
कुंदन कृष्णन की घर वापसी बिहार के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। उनके साहसी और अनुशासित कार्यशैली का अनुभव राज्य की प्रशासनिक मजबूती में योगदान देगा।
ips kundan krishnan: बिहार कैडर के 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी कुंदन कृष्णन केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस अपने गृह राज्य लौट रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनके बिहार वापस आने का आदेश जारी कर दिया है। कुंदन कृष्णन अभी तक CISF में एडीजी के पद पर तैनात थे। उनकी वापसी को राज्य में बड़ी जिम्मेदारी सौंपे जाने की संभावना के रूप में देखा जा रहा है।
कुंदन कृष्णन का करियर: बहादुरी और अनुभव का सफर
कुंदन कृष्णन का बिहार में लंबा अनुभव है। वे 2005 में राष्ट्रपति शासन के दौरान पटना के एसएसपी बने। यह उनका एक महत्वपूर्ण कार्यकाल था, जहां उन्होंने राज्य में कानून-व्यवस्था को सख्ती से संभाला।
छपरा जेल का हंगामा: साहस का परिचय
साल 2002 की घटना: छपरा जेल में 1200 से अधिक कैदियों ने हंगामा किया था। वे पुलिस पर पथराव और फायरिंग कर रहे थे।
AK-47 के साथ मोर्चा संभाला: तत्कालीन एसपी कुंदन कृष्णन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए खुद मोर्चा संभाला। इस दौरान 5 कैदी मारे गए और उनका हाथ टूट गया था। इस साहसी कार्रवाई ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई।
बाहुबली आनंद मोहन से भिड़ंत
2006 में चर्चित घटना: बाहुबली नेता आनंद मोहन की देहरादून पेशी के बाद, उन्होंने बिना अनुमति पटना के एक होटल में ठहरने का फैसला किया। एसपी कुंदन कृष्णन की कार्रवाई: खबर मिलते ही कुंदन कृष्णन ने अपनी टीम के साथ होटल पर छापा मारा। दोनों के बीच तीखी बहस हुई, लेकिन उन्होंने आनंद मोहन को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
बिहार में नई जिम्मेदारी की तैयारी
कुंदन कृष्णन की वापसी को बिहार सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके अनुभव और कुशलता से भली-भांति परिचित हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि उन्हें किस विभाग और भूमिका में तैनात किया जाता है।
कुंदन कृष्णन की वापसी से उम्मीद
राज्य में कानून-व्यवस्था को सुधारने के लिए उन्हें बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। उनके अनुभव को देखते हुए, वे किसी महत्वपूर्ण विभाग का नेतृत्व कर सकते हैं।कुंदन कृष्णन की घर वापसी बिहार के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है। उनके साहसी और अनुशासित कार्यशैली का अनुभव राज्य की प्रशासनिक मजबूती में योगदान देगा। अब यह देखना बाकी है कि बिहार सरकार उनकी विशेषज्ञता का उपयोग किस रूप में करती है।