Government Of Bihar decision: बिहार में मुखिया को नीतीश सरकार ने सौंप दी बड़ी जिम्मेवारी, विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा निर्णय,अब चमकेगा पंचायत
Government Of Bihar decision: बिहार सरकार ग्राम पंचायतों को एक नई सौगात प्रदान करने की योजना बना रही है। राज्य की ग्राम पंचायतों में स्थापित होने वाले पंचायत सरकार भवनों का निर्माण अब निर्वाचित मुखिया द्वारा किया जाएगा।
Government Of Bihar decision: बिहार सरकार ने 1645 पंचायतों में पंचायत सरकार भवन निर्माण का जिम्मा फिर से मुखियाओं को सौंपने का फैसला किया है।यह फैसला उन पंचायतों के लिए लिया गया है जहां भवन निर्माण के लिए जमीन ढूंढने में मुश्किलें आ रही हैं।अब मुखियाओं के पास लगभग 2400 पंचायत भवनों के निर्माण की जिम्मेदारी होगी।
विधानसभा चुनाव से पहले फैसला: विधानसभा चुनाव से पहले यह फैसला लिया गया है और जल्द ही राज्य मंत्रिपरिषद से इसकी मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
लागत में वृद्धि
भवन निर्माण की लागत 85 लाख रुपये से बढ़कर 2.5 करोड़ रुपये हो गई है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में यह लागत 3.05 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है।भवन निर्माण का काम विभिन्न विभागों के बीच अटकने के कारण देरी हुई है। कुछ जिलों में बहुत कम पंचायतों में भवन निर्माण हुआ है, जबकि कुछ जिलों में काफी संख्या में भवन निर्माण हुआ है।
भवन में सुविधाएं
भवनों में मुखिया कक्ष, न्यायालय कक्ष, बैठक हॉल, कर्मचारियों के लिए कक्ष, अभिलेख स्टोर, बैंक, पोस्ट ऑफिस, पुस्तकालय आदि सुविधाएं होंगी।
मुखियाओं को पहले भी मिली थी जिम्मेदारी: 2018 से 2021 के बीच मुखियाओं को 808 भवन बनाने का जिम्मा मिला था, लेकिन काम धीमी गति से हुआ। अब नए मॉडल पर भवन बनाए जाएंगे जिसमें बैंक और बाढ़ राहत केंद्र के लिए दो बड़े हॉल होंगे।
देरी का कारण
जमीन की उपलब्धता: जमीन की कमी के कारण भवन निर्माण में देरी हो रही थी।विभिन्न विभागों के बीच समन्वय की कमी के कारण काम में देरी हो रही थी। मुखियाओं को अधिकार सौंपने से काम में तेजी लाने की उम्मीद है क्योंकि वे स्थानीय स्तर पर अधिक प्रभावी ढंग से काम कर सकते हैं।
यह फैसला क्यों महत्वपूर्ण है?
ग्रामीण विकास: यह फैसला ग्रामीण विकास के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। यह फैसला पंचायती राज को मजबूत करेगा।इससे विकास कार्यों में तेजी आएगी।
चुनौतियां
जमीन का अधिग्रहण एक बड़ी चुनौती हो सकती है। यह सुनिश्चित करना होगा कि भवन निर्माण की गुणवत्ता अच्छी हो।भवन निर्माण के लिए पर्याप्त धनराशि की आवश्यकता होगी।बहरहाल बिहार सरकार के इस फैसले को सफल बनाने के लिए कई चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है ।