Pm Modi On Sharda sinha: शारदा सिन्हा को याद कर भावुक हुए पीएम मोदी, मिथिला की धरती की बेटी स्वर कोकिला को...बोलते बोलते मोदी...
Pm Modi On Sharda sinha: बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा ने दुनिया को अलविदा कह दिया है। वहीं बिहार पहुंचे पीएम मोदी ने शारदा सिन्हा को याद कर भावुक हो गए। पीएम दरभंगा एम्स के शिलान्यास के दौरान शारदा सिन्हा को लेकर भावुक हो गए।
Pm Modi On Sharda sinha: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज बिहार में हैं। पीएम दरभंगा एम्स का शिलान्यास करने दरभंगा पहुंचे हैं। एम्स के शिलान्यास के बाद पीएम मोदी ने बिहारवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा को याद किया। पीएम मोदी अपने संबोधन के दौरान शारदा सिन्हा को याद कर भावुक हो गए। उन्होंने शारदा सिन्हा के कार्यों को अद्भुत बताया। साथ ही कहा कि शारदा सिन्हा ने जो संगीत की सेवा की है वो अतुलनीय है।
पीएम हुए भावुक
पीएम मोदी ने बिहारवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि, "मैं मिथिला की धरती की बेटी स्वर कोकिला शारदा सिन्हा जी को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। शारदा सिन्हा जी ने भोजपुरी और मैथिली संगीत की जो सेवा की है, वो अतुलनीय है। महापर्व छठ की महिमा को जिस तरह उन्होंने अपने गीतों से पूरी दुनिया में पहुंचाया, वो अद्भुत है"।
बेटे को लिखा था पत्र
बता दें कि, इसके पहले भी पीएम मोदी ने शारदा सिन्हा के बेटे को पत्र लिखकर शोक व्यक्त किया था। पीएम मोदी ने शारदा सिन्हा के मौत के 7 दिनों के बाद उनके बेटे अंशुमान को पत्र लिखा था। पीएम मोदी ने पत्र में लिखा कि, ‘आपकी माता श्रीमती शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ। इस मुश्किल समय में मेरी संवेदनाएं आपके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं। लोक परंपरा और जीवन के संस्कारों से जुड़े अपने गीतों से श्रीमती शारदा सिन्हा जी ने हमारी संस्कृति को समृद्ध किया। मैथिली और भोजपुरी में अपनी सहज और खनकती आवाज में गाए लोकगीतों से उन्होंने जन-जन से हृदय को छुआ। लोकगीतों के अलावा फिल्मों में भी उनकी आवाज के जादू ने अनगिनत संगीत प्रेमियों को मंत्रमुग्ध किया है। उन्हें पद्म पुरस्कारों सहित कई सम्मान मिले हैं। संगीत से जुड़े युवाओं को उनका अमूल्य मार्गदर्शन मिलता रहा।’
संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति
लेटर में पीएम ने आगे लिखा, ‘आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके गीत तो मानो इस महापर्व को अभिन्न अंग बन गए हैं। भगवान भास्कर और छठी मैया को समर्पित उनके गीत आने वाली पीढ़ियों को भी अपनी परंपरा से जोड़ते रहेंगे। बिहार कोकिला की आधी सदी से भी लंबी संगीत की साधना कला जगत की एक अनमोल धरोहर है। उनका निधन संगीत जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। सहज और सरल स्वभाव की धनी श्रीमती शारदा सिन्हा जी के साथ हुई स्नेहपूर्ण भेंट मुझे आज भी स्मरण है। आज वह सशरीर इस संसार में नहीं हैं। पर उनके द्वारा दी गई शिक्षा, संस्कार और जीवन मूल्य परिजनों के साथ हमेशा बने रहेंगे। ईश्वर आपके परिवार व शुभचिंतकों को यह दुख सहन करने का धैर्य और साहस प्रदान करें। ऊं शांति।’
5 नवंबर को दुनिया को कहा अलविदा
बता दें कि, शारदा सिन्हा ने 5 नवंबर 2024 को छठ के नहाय खाए के दिन दुनिया को अलविदा कह दिया। शारदा सिन्हा लंबे समय से बीमार थीं और कैंसर से जूझ रही थीं। शारदा सिन्हा को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। छठ गीत से शारदा सिन्हा ने लोकप्रियता पाई थी। पटना के गुलाबी घाट पर शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार किया गया। सीएम नीतीश सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने शारदा सिन्हा को श्रद्धांजलि दी थी।