Bihar School News: शिक्षा व्यवस्था की स्थिति पर सवाल, शौचालय का बरामदा बना रसोई, सीएम की प्रगति यात्रा से 15 किलोमीटर दूर स्कूल की दुर्दशा
मोतिहारी में सरकार के 21 प्रतिशत शिक्षा बजट के उपयोग की सच्चाई को उजागर कर रही है सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर। यह तस्वीर मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान विकास कार्यों के निरीक्षण से 15 किलोमीटर दूर स्थित कोटवा प्रखंड की बताई जा रही है.
Bihar School News: मोतिहारी में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दूसरे दिन केसरिया, सुगौली और मोतिहारी में करोड़ों की योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। वहीं, केसरिया के सुंदरापुर पंचायत और सुगौली के सुगाव पंचायत में कई योजनाओं को सीएम को दिखाने के लिए सजाया गया था। लेकिन केसरिया से सटे कोटवा प्रखंड के एक विद्यालय का फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वायरल फोटो में शौचालय के बरामदे में स्कूल के बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन का खाना तैयार किया गया है। इसके अलावा, सोशल मीडिया पर यह भी कहा जा रहा है कि स्कूल में वर्षों से बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, लेकिन न तो अधिकारियों की नजर पड़ती है और न ही जनप्रतिनिधियों की। वायरल फोटो को देखकर विकास के दावों की वास्तविकता पर सवाल उठता है।
मोतिहारी में सरकार के 21 प्रतिशत शिक्षा बजट के उपयोग की सच्चाई को उजागर कर रही है सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर। यह तस्वीर मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान विकास कार्यों के निरीक्षण से लगभग 15 किलोमीटर दूर स्थित कोटवा प्रखंड की बताई जा रही है। वायरल फोटो में दर्शाया गया है कि कोटवा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोपी छपरा में शौचालय में मध्याह्न भोजन का खाना तैयार किया जाता है और बच्चों को परोसा जाता है। इस विद्यालय में बना रसोई शेड अब कबाड़खाना बन चुका है। सरकार द्वारा बच्चों के लिए शुद्ध पेयजल और हाथ धोने की सुविधा के लिए स्कूल में स्थापित समरेश बोरिंग का पानी जेई और संवेदक के भ्रष्टाचार का शिकार हो गया है।
जल प्रवाह रुकते ही नल से पानी टपकना बंद हो गया। चार कमरों में आठवीं कक्षा के छात्रों की पढ़ाई होती है। स्कूल के रंग-रोगन और विद्युत वायरिंग के लिए आई राशि भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई है। सरकार के बजट का 21 प्रतिशत हिस्सा शिक्षा विभाग पर खर्च होता है, लेकिन कोटवा प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय गोपी छपरा के शौचालय को रसोई शेड में बदलकर मिड-डे मील का खाना रखा गया, जिसका वायरल फोटो कई सवाल उठाता है। यह दर्शाता है कि शिक्षा का बजट केवल कागजों में ही सीमित रह गया है।
रिपोर्ट- हिमांशु कुमार