सुनिए सरकार: आजादी के बाद 77 साल बाद भी नदी पार करने के लिए चचरी पुल का सहारा, ठिकरा राजद पर फोड़ रहे विधायक जी

विधायक गूंजेश्वर शाह को मुरली से झरवा गांव में एक-दो शोकाकुल परिवारों से मिलने के लिए जाना था, जिसके लिए उन्हें चचरी पुल का सहारा लेना पड़ा। पुल की मांग लोगों से की तो विधायक ने 2005 की घटनाओं को याद दिलाना शुरु किया।

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चचरी पुल का सहारा- फोटो : Reporter

Saharsa News: विधायक गूंजेश्वर शाह को अपनी हीं सरकार में चचरी पुल के माध्यम से क्षेत्र में आने के लिए जान बाध्य होना पड़ रहा है।  इसी बीच जब लोगों ने पुल बनाने की बात विधायक जी से की, तो वे भड़क गए। जदयू विधायक बुधवार को शोकाकुल परिवार से मिलने गए थे, तभी वे एक हादसे का शिकार हो गए।

सहरसा जिले के नवहट्टा थाना क्षेत्र के हाटी घाट जो सहरसा जिला के महिषी विधानसभा क्षेत्र में स्थित है। हाल ही में यहां लगभग दो किलोमीटर दूर बांस और बल्ली से निर्मित एक चचरी पुल का निर्माण किया गया था, जिसकी लागत लगभग दस लाख रुपये थी, जिसे ठेकेदार और कुछ स्थानीय लोगों ने मिलकर जुटाया था।

स्थानीय विधायक गूंजेश्वर शाह को मुरली से झरवा गांव में एक-दो शोकाकुल परिवारों से मिलने के लिए जाना था, जिसके लिए उन्हें चचरी पुल का सहारा लेना पड़ा। स्थानीय लोगों ने चचरी पुल के स्थान पर सरकार से पक्का पुल बनाने की मांग की। विधायक श्री गूंजेश्वर शाह ने इस मुद्दे पर अपनी अलग राय व्यक्त की। जब news4nation के रिपोर्टर ने चचरी पुल और एनडीए सरकार के तहत थाना एवं ब्लॉक की सुरक्षा के बारे में सवाल किया, तो विधायक ने 2005 की घटनाओं को याद किया।

उन्होंने बताया कि कोशी नदी के बहाव के कारण पुलों का निर्माण करना चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि कई स्थानों पर नदी का जल स्तर बढ़ जाता है। इस बार बाढ़ में पुल और सड़कें ध्वस्त हो गई हैं। विधायक ने चचरी पुल पर जाकर पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं और श्रद्धांजलि अर्पित की, और कोशी नदी के हाटी पंचायत एवं बकुनिया पंचायत में उपस्थित रहे, जहां उनके साथ समर्थक भी मौजूद थे।

रिपोर्टर- दिवाकर कुमार दिनकर

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