लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद भी नहीं बदली गांव की तस्वीर,लोहिया स्वच्छता मिशन के तहत बनाए गए कचरा भवन में धान की हो रही दवनी

Kaimur - सरकार के द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न योजनाएं धरातल पर फिसड्डी साबित नजर आ रही हैं।अधिकारियों की अनदेखी और जनप्रतिनिधियों के उपेक्षापूर्ण रवैये की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित लोहिया स्वच्छ मिशन की विभिन्न योजनाएं दम तोड़ रही हैं। मामला कैमूर जिले के दुर्गावती प्रखंड के अवर्हियां पंचायत का है। जहां लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के तहत संचालित ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन के तहत लाखों रुपये की राशि खर्च करने के बावजूद भी इस पंचायत की तस्वीर नहीं बदली है। 

कचरा अपशिष्ट भवन में धान की दवनी

अपशिष्ट पदार्थ को स्टोर करने वाले भवन में अपशिष्ट पदार्थ के जगह धान  की दवनी की जा रही है। यहीं नहीं इस भवन में बकायदा पंखे भी लगाये गए है। दृश्य देखने से यह लगता है कि यह सरकारी कचरा प्रबंधन भवन नहीं बल्कि गांव के किसी ग्रामीण के द्वारा इस भवन पर हीं कब्जा कर लिया गया हो। स्वच्छता अभियान को ठेंगा दिखा रहा यह सिस्टम गांव की गलियों में कहीं गंदा पानी बह रहा है, तो कहीं कूड़े का ढेर देखने को मिल रहा है। 

घरों से कचरा संग्रहण बना सपना


इस मामले पर स्थानीय समाजसेवी अरविंद कुमार सिंह ने जिला पदाधिकारी को आवेदन देने के बाद बताया कि इस पंचायत के सभी वार्डों में स्वच्छता मिशन के तहत घर-घर कचरा संग्रहण एवं प्रबंधन व्यवस्था कई वर्षों से लंबित है। पंचायत स्तर पर गीला एवं सूखा कचरा हेतु बाल्टी, ठेला एवं ई रिक्शा सफाई कर्मियों के लिए टोपी एवं ड्रेस आदि सामग्रियों की खरीदारी की जा चुकी है। 

यहीं नहीं सफाई कर्मियों एवं पर्यवेक्षकों की भी बहाली की गई है। इसके बावजूद अनेकों बार लिखित एवं मौखिक रूप से अवगत कराने पर भी प्रखंड स्वच्छता कार्यालय के पदाधिकारी तथा पंचायत प्रतिनिधियों द्वारा इस कार्य को प्रारंभ नहीं किया गया। आज नतीजा यह है कि गालियों एवं सार्वजनिक स्थलों पर कचरा का ढेर जमा रहता है जिसे दुर्गंध फैलती है। तथा विभिन्न संक्रामक एवं मच्छर जनित बीमारियों के फैलने की आशंका बनी रहती है।

अवर्हियां गांव के ग्रामीण अजीत कुमार राम ने बताया कि लोहिया स्वच्छता अभियान के तहत हमारे पंचायत में कचरा प्रबंधन का निर्माण तो किया गया है।  लेकिन आज तक एक दिन भी गांव से अपशिष्ट प्रदार्थ इस भवन में नहीं लाया गया। यह कचरा प्रबंधन भवन ढाई सालों से वीरान पड़ा है। शासन व प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए। 

वहीं इस मामले पर मोहनिया एसडीएम अनिरुद्ध पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मामले को हमने संज्ञान में ले लिया है। अभी हम जांच करवाएंगे जो भी जांच प्रतिवेदन में आएगा उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

रिपोर्टर - देवब्रत तिवारी