Bihar News: कटिहार में जंगलराज नहीं, बंदरराज का डर, महिलाओं की सुरक्षा पर मंडरा रहा खतरा, इलाके में डर और दहशत का माहौल
Bihar News: कटिहार में इन दिनों विकास और खेती की नहीं, बल्कि बंदरों के आतंक की चर्चा की जा रही है। गांव में अचानक बड़ी संख्या में बंदरों के पहुंचने से आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
Bihar News: कटिहार जिले की गरभेली पंचायत इन दिनों विकास और खेती की नहीं, बल्कि बंदरों के आतंक की पहचान बनती जा रही है। गांव में अचानक बड़ी संख्या में बंदरों के पहुंचने से आम जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हालात ऐसे हैं कि बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा पर साया मंडरा रहा है और किसान अपनी मेहनत की फसल को आंखों के सामने उजड़ते देख बेबस हैं। यह सिर्फ़ एक स्थानीय समस्या नहीं, बल्कि प्रशासनिक उदासीनता और सियासी संवेदनहीनता का आईना बन चुकी है।
ग्रामीणों का कहना है कि बंदर खेतों में लगी मक्का, धान और मखाना की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं। जो फसलें किसानों की रोज़ी-रोटी का सहारा थीं, वही अब उनके लिए परेशानी का सबक बन गई हैं। हालात यहां तक हैं कि बंदर घरों में घुसकर खाने-पीने का सामान उठा ले जाते हैं। रास्तों से गुजरते बच्चों पर हमले की आशंका ने अभिभावकों की नींद उड़ा दी है। गांव में डर और दहशत का माहौल है, लेकिन सत्ता के गलियारों में सन्नाटा पसरा हुआ है।
स्थानीय मुखिया प्रतिनिधि गणेश कुमार और पूर्व मुखिया भोला नाथ विश्वास का आरोप है कि कुछ साल पहले यहां बंदरों को लाकर छोड़ा गया था। इसके बाद उनकी संख्या लगातार बढ़ती चली गई, लेकिन किसी भी सरकार या विभाग ने इस बढ़ते खतरे पर ध्यान नहीं दिया। आज स्थिति यह है कि जान-माल के साथ-साथ खेती भी संकट में है। गांव के लोग पूछ रहे हैं कि जब सरकार विकास और किसान हित की बात करती है, तो गरभेली पंचायत क्यों उपेक्षा का शिकार है?
ग्रामीणों का दावा है कि गांव और आसपास के इलाकों में हजारों की संख्या में बंदर हो चुके हैं। खेती करना लगभग नामुमकिन हो गया है और अगर हालात ऐसे ही रहे तो लोग पलायन को मजबूर हो सकते हैं। यह चेतावनी सिर्फ़ गांव की नहीं, बल्कि शासन-प्रशासन के लिए सियासी इम्तिहान है।
सबसे अहम सवाल यह है कि ग्रामीणों ने पूर्व उप मुख्यमंत्री से लेकर वन विभाग के आला अधिकारियों तक गुहार लगाई, मगर अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस ख़ामोशी ने लोगों में मायूसी और गुस्सा दोनों भर दिया है।
रिपोर्ट- श्याम कुमार सिंह