Bihar Flood: गंगा-कोसी की तबाही के बीच मसीहा बने पप्पू यादव, बोले- 'मेरी आवाज दबाई गई, अब मांओं की आह सुने सरकार , कटिहार में कयामत का मंजर
Bihar Flood: गंगा और कोसी की बेआबरू लहरों ने एक बार फिर बर्बादी का तांडव शुरू कर दिया है।सांसद पप्पू यादव बोले कि हर साल बाढ़ के नाम पर माफिया-नेता और ठेकेदार मिलकर अरबों की लूट करते हैं, और ...
Bihar Flood: गंगा और कोसी की बेआबरू लहरों ने एक बार फिर बर्बादी का तांडव शुरू कर दिया है।कटिहार ज़िले के कुर्सेला प्रखंड के गांव पानी में डूब चुके हैं, खेत-खलिहान उजड़ चुके हैं, और जनता बेघर, बेबस, और बदहाल हो चुकी है। इसी मातमी माहौल में रविवार को जब पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव बाढ़ पीड़ितों का हाल लेने पहुंचे, तो जैसे उम्मीदों का उजाला फैल गया।
नेता नहीं, फरिश्ता आया है-यहीं कहा गया जब पप्पू यादव पत्थर टोला नदी किनारे तक पैदल चलकर पीड़ितों से मिले। साथ में सैकड़ों की भीड़, जिनकी आंखों में दर्द था, पर दिल में एक आस थी कि शायद ये शख्स उनका नसीब बदल दे।
जनता के पंचायत में जब दक्षिणी मुरादपुर के पंचायत भवन में पहुंचे, तो माहौल और भावुक हो गया। सैकड़ों ग्रामीण महिलाएं आंचल पसारे खड़ी थीं मांग थी बस एक स्थायी रिंग बांध बनाइए, ताकि हमारी जिंदगियां हर साल बर्बाद ना हों।
पप्पू यादव ने भी दिल से जवाब दिया। हाथ जोड़कर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से गुहार लगाई कि मनिहारी से कुर्सेला तक के इलाकों को हर साल बाढ़ और कटाव से आज़ादी दिलाई जाए। उन्होंने इसे राजनीतिक नहीं, मानवीय आपदा बताया और कहा कि गंगा, कोसी, महानंदा अब जीवनदायिनी नहीं, नासूर बन गई हैं।
गुस्से और दर्द से भरे अंदाज में सांसद पप्पू यादव बोले कि हर साल बाढ़ के नाम पर माफिया-नेता और ठेकेदार मिलकर अरबों की लूट करते हैं, और सदन में जब मैं इनका सच बोलता हूं, तो मेरा माइक ऑफ कर दिया जाता है!उन्होंने कहा कि अब यह सिर्फ राजनीति नहीं, इन्सानियत का सवाल है। “इन मांओं और बहनों की आह अगर सरकार नहीं सुनेगी, तो खुदा भी माफ नहीं करेगा।”
बहरहाल जनता उम्मीद लगाए बैठी है क्योंकि जब सियासत खामोश हो जाती है तो जनता के सामने बेबसी के सिवाय कुछ बचता कहां है।
रिपोर्ट- श्याम कुमार सिंह