Bihar Politics: महागठबंधन में महाभारत, सीमांचल से उठी बगावत की चिंगारी, माले विधायक के तेजस्वी संग तनातनी ने बढ़ाया सियासी तापमान
Bihar Politics:बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज है और राजनीतिक दल अपने-अपने समीकरण सेट करने में जुटे हैं। इसी कड़ी में माले विधायक के बगावत ने सियासी तापमान बढ़ा दिया है......पढ़िये आगे
KATIHAR : बिहार विधानसभा चुनाव की सरगर्मी तेज है और राजनीतिक दल अपने-अपने समीकरण सेट करने में जुटे हैं। इसी बीच सीमांचल और कोसी क्षेत्र में अपने मजबूत जनाधार के लिए पहचाने जाने वाले पूर्णिया सांसद पप्पू यादव फिर एक बार सियासी चर्चा के केंद्र में हैं। जहां एक ओर महागठबंधन नेतृत्व सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने में लगा है, वहीं दूसरी ओर तेजस्वी यादव और पप्पू यादव के बीच टकराव की खबरों ने गठबंधन में भीतरघात की आशंका बढ़ा दी है।
अब इस राजनीतिक खींचतान में एक और नाम खुलकर सामने आ गया है — माले विधायक दल के नेता और बलरामपुर विधायक महबूब आलम, जो नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के लिए रणनीतिक मोहरा बनते दिख रहे हैं। कटिहार में एक चाय की चौकी पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए महबूब आलम ने पप्पू यादव के अस्तित्व पर ही सवाल खड़ा कर दिया।
उन्होंने कहा कि पप्पू यादव को पहले यह स्पष्ट करना चाहिए कि वे हैं कहां? महागठबंधन में तो हैं नहीं, कांग्रेस के साथ उनका प्रेम केवल व्यक्तिगत है। इतना ही नहीं, उन्होंने कांग्रेस को भी कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि कांग्रेस और पप्पू यादव दोनों को खुले तौर पर अपनी भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए।
इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। विशेषकर कोसी और सीमांचल, जहां पप्पू यादव की लोकप्रियता और पकड़ से कोई इनकार नहीं कर सकता, वहां यह बयान चुनाव से ठीक पहले महागठबंधन की एकजुटता पर बड़ा सवालिया निशान लगा रहा है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि यदि पप्पू-तेजस्वी टकराव और गहराया, तो एनडीए के लिए यह सियासी अवसर बन सकता है। ऐसे में आगामी दिनों में महागठबंधन की रणनीति पर सबकी निगाहें टिकी रहेंगी क्योंकि पप्पू यादव की नाराजगी महागठबंधन को भारी पड़ सकती है।
कटिहार से श्याम की रिपोर्ट