Bihar News: गुजरात में बिहारी मजदूर को 2 टन लोहे ने कुचला, तड़प-तड़प कर मौत, घर का इकलौता सहारा छीना
Bihar News: खगड़िया जिले के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत कोलवारा पंचायत के भोरकाठ गाँव में उस समय मातम पसर गया, जब गुजरात के बरूच स्थित एक केमिकल कंपनी में काम करने गए 18 वर्षीय युवा मज़दूर विपिन कुमार की दर्दनाक हादसे में मौत हो गई। ...
Bihar News: खगड़िया जिले के परबत्ता प्रखंड अंतर्गत कोलवारा पंचायत के भोरकाठ गाँव में उस समय मातम पसर गया, जब गुजरात के बरूच स्थित एक केमिकल कंपनी में काम करने गए 18 वर्षीय युवा मज़दूर विपिन कुमार की दर्दनाक हादसे में मौत हो गई। यह ख़बर सुनते ही विपिन के परिवार में कोहराम मच गया, क्योंकि वह अपने घर का इकलौता कमाऊ सदस्य था।
2 टन वजनी लोहे के नीचे कुचला किशोर
मिली जानकारी के अनुसार, भोरकाठ गाँव के अजय मंडल के पुत्र विपिन कुमार लगभग तीन महीने पहले ही गुजरात के बरूच स्थित रामदेव केमिकल इंडस्ट्री में रंग बनाने का काम करने गया था। नियति का क्रूर खेल देखिए, काम करने के दौरान अचानक तेज़ बारिश शुरू हो गई। बारिश से बचने के लिए विपिन एक भारी-भरकम लोहे के टुकड़े (लगभग 2 टन वजनी) के बगल में खड़ा हो गया। तभी ज़मीन में हुए अचानक धँसाव के कारण वह विशालकाय लोहे का टुकड़ा सीधे विपिन कुमार के पैरों पर गिर गया।
हादसे इतना भीषण था कि विपिन के दोनों पैर बुरी तरह कटकर अलग हो गए। मौके पर मौजूद अन्य मज़दूरों ने बताया कि कंपनी से अस्पताल लगभग 50 किलोमीटर दूर था। अस्पताल पहुँचने में हुई विलंब के कारण विपिन का काफ़ी रक्त बह चुका था, और दो घंटे के भीतर ही उसने दम तोड़ दिया। यह मौत कंपनी की लापरवाही पर भी सवाल खड़े करती है, जहाँ आपातकालीन चिकित्सा सुविधा की कमी ने एक युवा जान ले ली।
बेटे ने पिता को भेजा घर, खुद मौत के मुँह में गया
विपिन कुमार दो भाई थे। उनके पिता अजय मंडल भी पहले गुजरात में ही रहकर काम करते थे। बढ़ती उम्र को देखते हुए विपिन ने अपने पिता से कहा था, "पिताजी, आप घर पर रहिए, मैं गुजरात काम करने जाता हूँ।" इसी बात पर विपिन ने 3 महीने पहले गुजरात की इस केमिकल कंपनी में काम शुरू किया था, और अचानक हुए इस हादसे में उसकी दर्दनाक मौत हो गई, जिससे पूरे इलाके में गहरा सदमा है।
कंपनी से जुड़े एक व्यक्ति से बातचीत करने पर उन्होंने बताया कि विपिन कुमार की मौत के बाद सहायता राशि के रूप में ₹5,00,000 (पाँच लाख रुपये) रामदेव केमिकल इंडस्ट्री द्वारा दिए जाएँगे। हालांकि, यह राशि एक जवान बेटे की जान के आगे बहुत कम है। विपिन के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और वे बिहार सरकार से भी उचित मुआवजे की गुहार लगा रहे हैं।
अमित की रिपोर्ट