Bihar assembly election 2025: बिहार वोटर लिस्ट विवाद! SIR अभियान और वोटर लिस्ट अपडेट, किशनगंज में ईरानी परिवारों को नागरिकता साबित करने का नोटिस
Bihar assembly election 2025: बिहार के किशनगंज में ईरानी मूल के 28 परिवारों को वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने के लिए नागरिकता साबित करने का नोटिस मिला। परिवारों ने इसे साजिश बताया और न्याय की गुहार लगाई।
Bihar assembly election 2025: बिहार में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) का काम पूरा हो चुका है। जल्द ही अंतिम वोटर लिस्ट जारी होगी। लेकिन इस प्रक्रिया के बीच, किशनगंज जिले के ईरानी मूल के परिवारों को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए नोटिस थमा दिए गए हैं।इन नोटिसों के चलते परिवारों में नाराज़गी और निराशा का माहौल है।
पीढ़ियों से बसे परिवार अब शक के घेरे में
ईरानी मूल के ये परिवार दो पीढ़ियों पहले भारत आए थे।उन्होंने यहां का खान-पान और संस्कृति अपनाई।व्यापार शुरू किया और समाज का हिस्सा बने।
कई चुनावों में मतदान भी किया।
अब उनके वंशजों को नोटिस देकर नागरिकता साबित करने के लिए कहा जा रहा है।ईरानी बस्ती के 28 लोगों को नोटिस मिले हैं, जिन्हें कागजात देकर यह साबित करना होगा कि वे भारतीय हैं।कई परिवारों का कहना है कि वे भारतीय हैं और उन्हें बेवजह परेशान किया जा रहा है।एक निवासी ने बताया कि उसके परिवार के चार सदस्यों को नोटिस मिला है, जबकि वे पहले ही दस्तावेज जमा कर चुके हैं।एक युवती ने कहा कि उसके पिता का नाम वोटर लिस्ट से गायब होने की वजह से उसे शैक्षणिक मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।एक अन्य व्यक्ति ने कहा कि उनका नाम 2003 की वोटर लिस्ट में था, लेकिन बार-बार हटाया और जोड़ा जाता रहा।उन्होंने सवाल उठाया – “हम कहां जाएंगे? हमारे दादा-दादी और परदादा-परदादी वोटर लिस्ट में थे।”
जमीन हड़पने की साजिश का आरोप
वार्ड नंबर 7 के एक निवासी ने दावा किया कि वोटर लिस्ट से नाम हटाना और नागरिकता साबित करने की प्रक्रिया असल में उनकी जमीन हड़पने की साजिश है।उन्होंने कहा कि हर बार दस्तावेज जमा करने के बावजूद अधिकारियों से जवाब मिलता है कि “आदेश ऊपर से आए हैं।”
प्रशासन और नेताओं की सफाई
स्थानीय बीजेपी नेता ने स्पष्ट किया कि ईरानी बस्ती के 28 लोगों को नोटिस दिए गए हैं।यह केवल एक प्रक्रिया है, किसी का नाम वोटर लिस्ट से हटाया नहीं गया है।परिवारों को सिर्फ नागरिकता से जुड़े कागजात देने को कहा गया है।
चुनाव से पहले बड़ा सवाल
चूंकि यह विवाद बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सामने आया है, इसलिए इसका राजनीतिक महत्व भी बढ़ गया है।ईरानी परिवारों का कहना है कि वे कई दशकों से यहां रह रहे हैं और भारतीय नागरिक हैं। अब उन्हें आशंका है कि नोटिस और प्रक्रियाओं के नाम पर उन्हें “विदेशी” साबित करने की कोशिश की जा रही है।