Bihar News:अरवल एसपी को गिरफ्तार करने का आदेश! किशनगंज सीजेएम कोर्ट के वारंट के बाद मचा हड़कंप

Bihar News: बिहार के अरवल जिले के वर्तमान पुलिस अधीक्षक डॉ. इमानुल हक मेंगनू के खिलाफ किशनगंज की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट ने एक सनसनीखेज फैसला सुनाते हुए जमानतीय गिरफ्तारी वारंट जारी किया है।

अरवल एसपी को गिरफ्तार करने का आदेश!- फोटो : social Media

Bihar News: बिहार के अरवल जिले के वर्तमान पुलिस अधीक्षक डॉ. इमानुल हक मेंगनू के खिलाफ किशनगंज की मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कोर्ट ने एक सनसनीखेज फैसला सुनाते हुए जमानतीय गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। यह आदेश केस नंबर सी-113/2023 की सुनवाई के बाद दिया गया, जिसमें किशनगंज में उनके कार्यकाल के दौरान अधिवक्ता के साथ बदतमीजी, गाली-गलौज और अभद्र व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। कोर्ट ने अरवल के वर्तमान एसपी और किशनगंज के सदर थानाध्यक्ष को वारंट का तामिला सुनिश्चित करने का आदेश दिया है, जिसने पूरे मामले को और भी चर्चा में ला दिया है।

किशनगंज व्यवहार न्यायालय में कार्यरत अधिवक्ता छविलाल सिंह ने 10 फरवरी 2023 को तत्कालीन किशनगंज एसपी डॉ. मेंगनू के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में शिकायत दर्ज की थी। उनके अनुसार, 8 फरवरी 2023 को डॉ. मेंगनू ने उन्हें अपने कार्यालय में बुलाया और वहां उनके साथ गाली-गलौज, अभद्र भाषा और अपमानजनक व्यवहार किया। इस घटना से आहत होकर अधिवक्ता छविलाल सिंह ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया कि डॉ. मेंगनू का यह व्यवहार कोई नया नहीं था। इससे पहले भी उन्होंने अधिवक्ता संजय श्रीवास्तव, प्रियंका कुमारी और अन्य के साथ ऐसी ही बदतमीजी की थी। 

9 फरवरी 2023 को किशनगंज के अधिवक्ताओं ने एक आमसभा बुलाई, जिसमें डॉ. मेंगनू के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। इस सभा में उनके द्वारा बार-बार अधिवक्ताओं के साथ किए गए दुर्व्यवहार की निंदा की गई। कई अधिवक्ताओं ने खुलकर बताया कि डॉ. मेंगनू का रवैया हमेशा से ही आक्रामक और अपमानजनक रहा है। इन सभी शिकायतों और सबूतों की गहन जांच के बाद सीजेएम कोर्ट ने डॉ. मेंगनू के खिलाफ जमानतीय वारंट जारी करने का फैसला किया।

किशनगंज के वर्तमान एसपी सागर कुमार ने पुष्टि की कि सीजेएम कोर्ट के आदेश के अनुपालन में सदर थानाध्यक्ष को जमानतीय वारंट का तामिला कराने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा कि कोर्ट के आदेश का पालन करना उनकी प्राथमिकता है और इस दिशा में त्वरित कार्रवाई की जा रही है। 

वहीं, अरवल में तैनात डॉ. इमानुल हक मेंगनू ने इस मामले पर आश्चर्य जताते हुए कहा, "मुझे इस घटना या वारंट के बारे में कोई जानकारी नहीं है। मुझे अभी तक वारंट जारी होने की कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है।" उनके इस बयान ने मामले को और रहस्यमय बना दिया है, क्योंकि कोर्ट का आदेश स्पष्ट रूप से उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग करता है।

यह मामला न केवल किशनगंज और अरवल की कानूनी बिरादरी में चर्चा का विषय बन गया है, बल्कि पूरे बिहार में पुलिस अधिकारियों के व्यवहार और उनके दायित्वों पर सवाल उठा रहा है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर अधिवक्ताओं के साथ अभद्रता के आरोप और कोर्ट द्वारा उनके खिलाफ वारंट जारी होना एक गंभीर मुद्दा है। इससे पुलिस-न्यायपालिका संबंधों पर भी असर पड़ सकता है।