Bihar News: सीडीपीओ की 'रिश्वत राज' कथा, डीएम के आदेश की खुलेआम अवहेलना, बर्खास्त सेविका को फिर बहाल कर बना नियमों का मजाक!

Bihar News: डीएम के स्पष्ट आदेश की अवहेलना करते हुए एक चयनमुक्त सेविका को दोबारा रिश्वत लेकर बहाल कर दिया। यह मामला अब जिले की प्रशासनिक और राजनीतिक हलचलों का केंद्र बन गया है।...

सीडीपीओ की 'रिश्वत राज' कथा- फोटो : reporter

Bihar News:  बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) रंजीत कुमार पर भ्रष्टाचार और नियमों की धज्जियाँ उड़ाने के गंभीर आरोप लगे हैं। ताजा मामले में उन्होंने डीएम के स्पष्ट आदेश की अवहेलना करते हुए एक चयनमुक्त सेविका को दोबारा रिश्वत लेकर बहाल कर दिया। यह मामला अब जिले की प्रशासनिक और राजनीतिक हलचलों का केंद्र बन गया है।बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के रामगढ़वा प्रखंड में तैनात हैं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) रंजीत कुमार।

मामला रामगढ़वा के आंगनबाड़ी केंद्र संख्या 187 से जुड़ा है, जहां सेविका रौशन जहां को पहले डीपीओ के निर्देश पर चयनमुक्त कर दिया गया था। केंद्र को रिक्त मानते हुए नए चयन के लिए विज्ञापन भी प्रकाशित किया गया था, लेकिन सीडीपीओ रंजीत कुमार ने न तो वरीय अधिकारियों से अनुमति ली और न ही प्रक्रिया का पालन किया। आरोप है कि मोटी रकम के बदले उन्होंने पूर्व सेविका को फिर से चयन पत्र सौंप दिया।

जब स्थानीय महिला अजमेरी खातून ने इस अवैध बहाली के खिलाफ डीएम कोर्ट में आपत्ति दर्ज कराई, तो मामले की जांच करवाई गई। जांच में सीडीपीओ की भूमिका संदेहास्पद पाई गई, जिस पर डीएम सौरभ जोरवाल ने ‘प्रपत्र क’ के तहत विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए।

यह पहला मौका नहीं है जब रंजीत कुमार पर गंभीर आरोप लगे हों। बगहा-2 में पदस्थापित रहते हुए भी उन पर भ्रष्टाचार, पोषाहार वितरण में गड़बड़ी और सेविकाओं से अवैध वसूली के आरोप लगे थे। विधायक रिंकू सिंह ने तो बाकायदा वीडियो साक्ष्य के साथ शिकायत की थी, जिस पर डीएम की रिपोर्ट में आरोप प्रमाणित भी हुए।

हैरत की बात यह है कि इतने गंभीर आरोपों के बावजूद विभाग ने उन्हें दंडित करने की बजाय तीन प्रखंडों का सीडीपीओ बना दिया—हरसिद्धी, सुगौली और आदापुर। यह न केवल शासन की जवाबदेही पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई की गंभीरता कागज़ी बनकर रह गई है।

बहरहाल रामगढ़वा का यह मामला बिहार में प्रशासनिक भ्रष्टाचार के उस चेहरे को उजागर करता है, जहां आदेश नहीं, रिश्वत चलती है  और नियम नहीं, सिफारिशें बोलती हैं।

रिपोर्ट- हिमांशु कुमार