Bihar News : मुंगेर में AK-47 बरामदगी मामला, साक्ष्य के अभाव में 10 अभियुक्त रिहा, पुलिस करेगी अपील

MUNGER : बिहार के बहुचर्चित AK-47 तस्करी मामले में एक नया मोड़ आया है। मुंगेर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (द्वितीय) प्रबल दत्ता के न्यायालय ने मुफस्सिल थाना कांड संख्या 353/2018 में बड़ा फैसला सुनाते हुए साक्ष्य के अभाव में सभी 10 अभियुक्तों को रिहा कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने मिर्जापुर बरदह गांव से जेसीबी से खुदाई कर एके-47 राइफल के भारी मात्रा में पार्ट्स बरामद किए थे। सात साल तक चली कानूनी प्रक्रिया के बाद अदालत ने अभियोजन पक्ष की दलीलों को अपर्याप्त माना।

वर्ष 2018 में मुंगेर पुलिस ने खुलासा किया था कि मध्य प्रदेश के जबलपुर COD (सेंट्रल ऑर्डनेंस डिपो) से गायब लगभग 60 से 70 राइफलों में से 22 एके-47 मुंगेर के विभिन्न क्षेत्रों से बरामद की गई थीं। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के बरदह गांव में हुई छापेमारी के दौरान मास्टरमाइंड शमशेर आलम और नियाजुल रहमान के रिश्तेदारों की निशानदेही पर प्लास्टिक के बोरों में छिपाकर रखे गए हथियार के पुर्जे मिले थे। पुलिस का दावा था कि इन हथियारों को जमीन के नीचे गाड़कर छिपाया गया था।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता विजय झा ने अदालत में तर्क दिया कि अभियोजन पक्ष घटना स्थल को प्रमाणित करने और सजा के बिंदु पर ठोस सबूत पेश करने में विफल रहा। उन्होंने बताया कि अनुसंधानकर्ता द्वारा कोई भी सटीक गवाह पेश नहीं किया जा सका और सरकारी गवाहों के बयानों में काफी विरोधाभास था। इन आधारहीन दलीलों और कमजोर साक्ष्यों को देखते हुए अदालत ने सात आरोपियों, जो पहले से जमानत पर थे, और जेल में बंद तीन मुख्य आरोपियों को बरी करने का आदेश दिया।

बरी होने वालों में मुख्य रूप से मो. रिजवान उर्फ भुट्टो, मो. गुलफाम उर्फ गुलेन और तनवीर आलम उर्फ सोनू शामिल हैं, जो एके-47 के अन्य मामलों में अभी जेल में ही रहेंगे। इनके अलावा जमानत पर बाहर चल रहे मो. मुस्ताम, मो. खुर्शीद आलम, परवेज चांद, रिजवान खान, सदा रिफत, मो. लुकमान और आइना बेगम को भी अदालत ने दोषमुक्त करार दिया है। गौरतलब है कि पुलिस के अनुसार रिजवान के खुलासे के बाद ही उसकी सास अजमेरी बेगम के घर के पीछे से हथियारों के पार्ट्स बरामद हुए थे।

इस अदालती फैसले पर मुंगेर एसपी सैयद इमरान मसूद ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि फिलहाल जजमेंट की कॉपी का इंतजार किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि फैसले की प्रति प्राप्त होने के बाद विभाग द्वारा इसकी गहन समीक्षा की जाएगी। अनुसंधान में क्या खामियां रहीं और किन आधारों पर रिहाई हुई, इसे समझने के बाद पुलिस इस मामले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर करेगी ताकि इस गंभीर अपराध के दोषियों को सजा दिलाई जा सके।

मुंगेर से इम्तियाज़ की रिपोर्ट