बिहार में 'जमाई राज' की सियासत, तेजस्वी के 'नेशनल दामाद आयोग' पर अशोक चौधरी के तंज, कहा- लालू जी को दामादों की चिंता क्यों?
बिहार की सियासत में 'जमाई राज' और 'नेशनल दामाद आयोग' की चर्चा ने नया सियासी भूचाल ला दिया है।
Munger: बिहार की सियासत में 'जमाई राज' और 'नेशनल दामाद आयोग' की चर्चा ने नया सियासी भूचाल ला दिया है। विधानसभा चुनाव 2025 से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एनडीए पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए 'जमाई आयोग' का तंज कसा, जिसमें चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और जदयू के कद्दावर नेता अशोक चौधरी के दामादों को निशाना बनाया। इस बीच, कटिहार दौरे पर आए अशोक चौधरी ने तेजस्वी के आरोपों पर करारा पलटवार किया, जिसने सियासी तापमान को और बढ़ा दिया।
तेजस्वी यादव ने एनडीए पर परिवारवाद का आरोप लगाते हुए चिराग पासवान के बहनोई मृणाल पासवान (बिहार अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष), जीतन राम मांझी के दामाद देवेंद्र मांझी (अनुसूचित जाति आयोग के उपाध्यक्ष) और अशोक चौधरी के दामाद सयान कुणाल (बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद के सदस्य) की नियुक्तियों पर सवाल उठाए। तेजस्वी ने तंज कसते हुए कहा कि एनडीए का मतलब 'नेशनल दामाद आयोग' है, और नीतीश कुमार 'जमाई आयोग' बनाकर रिश्तेदारों को सेट कर रहे हैं।
कटिहार में पत्रकारों के सवाल पर अशोक चौधरी ने तेजस्वी पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे बिहार को पता है कि लालू यादव के विरोध के बाद भी उनके समधी, दिवंगत किशोर कुणाल ने अपनी मेहनत से पटना का महावीर मंदिर बनवाया था। उन्होंने आरोप लगाया कि तेजस्वी, किशोर कुणाल के बेटे सयान कुणाल को निशाना बनाकर उनके अपमान का बदला ले रहे हैं। चौधरी ने स्पष्ट किया कि सयान की नियुक्ति जदयू या बीजेपी कोटे से नहीं, बल्कि आरएसएस कोटे से हुई है, और यह उनके पिता की सामाजिक सेवा का सम्मान है।
बिहार में परिवारवाद का मुद्दा हमेशा से गर्म रहा है। तेजस्वी का यह हमला एनडीए की उस कमजोरी को उजागर करता है, जिसके लिए वह खुद लालू परिवार पर आरोप लगाते रहे हैं। दूसरी ओर, अशोक चौधरी का बयान नीतीश कुमार की सेकुलर छवि पर सवाल उठाता है, क्योंकि आरएसएस कोटे की बात ने विपक्ष को नया हथियार दे दिया। सिवान में पीएम मोदी की रैली के मौके पर यह मुद्दा और तूल पकड़ सकता है, क्योंकि तेजस्वी इसे मुस्लिम-यादव वोटरों को गोलबंद करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
'जमाई राज' की यह जंग बिहार की सियासत को नया रंग दे रही है। तेजस्वी का तंज और अशोक चौधरी का पलटवार चुनावी माहौल को और गर्माएगा। यह देखना बाकी है कि क्या यह मुद्दा वोटरों के बीच प्रभाव छोड़ेगा या सिर्फ सियासी बयानबाजी तक सीमित रहेगा।
रिपोर्ट- मो. इम्तियाज खान