Last rites of Australian citizen in Munger: ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ने अंतिम संस्कार के लिए चुनी भारत की मिट्टी, मुंगेर में राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई
Last rites of Australian citizen in Munger: डोनाल्ड सैम्स का भारत के प्रति प्रेम इतना गहरा था कि उन्होंने अपने परिजनों के सामने यह वसीयत की थी कि उनकी मृत्यु के बाद उन्हें भारत के किसी ईसाई कब्रिस्तान में दफनाया जाए।
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Last rites of Australian citizen in Munger: 91 वर्षीय डोनाल्ड सैम्स, ऑस्ट्रेलिया के सिडनी निवासी, का भारत के प्रति अटूट प्रेम का नतीजा यह रहा कि उन्होंने अपनी मृत्यु के बाद भारत की मिट्टी में दफन होने की वसीयत की। संयोगवश, अपनी 12वीं भारत यात्रा के दौरान, रिवर राफ्टिंग के दौरान क्रूज पर बीमार पड़ने के बाद उनकी मृत्यु हो गई, और उनका अंतिम संस्कार भारत में ही किया गया। ऑस्ट्रेलियाई दूतावास की सहमति के बाद, उन्हें बिहार के मुंगेर के ईसाई कब्रिस्तान चुरंबा में उनकी पत्नी और परिचितों की उपस्थिति में दफनाया गया। मृतक के पिता ब्रिटिश फौज में भारत में कार्यरत थे।
डोनाल्ड सैम्स का भारत के प्रति प्रेम इतना गहरा था कि उन्होंने अपने परिजनों के सामने यह वसीयत की थी कि उनकी मृत्यु के बाद उन्हें भारत के किसी ईसाई कब्रिस्तान में दफनाया जाए। संयोग से, जब वे 12वीं बार भारत भ्रमण पर आए, तो 42 सदस्यीय ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ गंगा के रास्ते मुंगेर होते हुए क्रूज से पटना जा रहे थे, सुल्तानगंज में उनकी तबीयत बिगड़ गई। जिसके बाद उन्हें मुंगेर के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
मृत्यु के बाद जिला प्रशासन द्वारा भारतीय दूतावास को इसकी सूचना दी गई। तत्पश्चात, ऑस्ट्रेलियाई दूतावास की सहमति और मृतक की पत्नी एलेस की सहमति से मुंगेर में ही उन्हें दफनाने का निर्णय लिया गया। डीएम के आदेश पर मजिस्ट्रेट की प्रतिनियुक्ति की गई, और पत्नी के मना करने पर उनके शरीर का पोस्टमार्टम नहीं करवाते हुए ईसाई रीति रिवाज से अंतिम संस्कार के लिए चर्च के पादरी का भी प्रबंध किया गया। डीएम मुंगेर अवनीश कुमार सिंह ने बताया कि दूतावास के आदेश पर अंतिम संस्कार के लिए चर्च के पादरी का प्रबंध कराते हुए मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई। पत्नी एलेस के आग्रह पर बिना पोस्टमार्टम के मृतक डोनाल्ड सैम्स का अंतिम संस्कार चुरंबा स्थित ईसाई कब्रिस्तान में कराया गया, जहाँ उन्हें ईसाई रीति रिवाज के साथ दफनाया गया।
डोनाल्ड सैम्स की मृत्यु के बाद अंत्येष्टि होने तक क्रूज बबुआ घाट पर शुक्रवार की रात से शनिवार दोपहर तक खड़ा रहा। साथ में आए मृतक के दोस्तों ने बताया कि मृतक डोनाल्ड सैम्स ऑस्ट्रेलियाई हाईकमान के रिटायर्ड अफसर थे। उनकी पत्नी एलेस ने बताया कि डोनाल्ड सैम्स के पिता अंग्रेज शासन काल में ब्रिटिश आर्मी में आसाम में काम करते थे। अपने पिता की याद को ताजा रखने के लिए डोनाल्ड सैम्स जब भी भारत आते थे तो आसाम जरूर जाते थे। यह उन लोगों की 12वीं भारत यात्रा थी। हर यात्रा में वे लोग गंगा के रास्ते कोलकाता से पटना तक यात्रा करते थे। भारत से डोनाल्ड को इतना लगाव था कि उन्होंने वसीयत में लिख दिया था कि मरने के बाद उनका अंतिम संस्कार भारत में ही हो, और यही हुआ भी।
रिपोर्ट- इम्तियाज खान