Bihar Land: सरकारी लापरवाही पर गिरी गाज, बड़े साहब ने दो सीओ को नाप दिया, ठोका 1.97 लाख का जुर्माना, नहीं भरा तो जाएगी इनकी कुर्सी

Bihar Land:बिहार में दाखिल-खारिज जैसे जरूरी कामों में लगातार मिल रही लापरवाही की शिकायतों के बाद अब प्रशासन ने कड़ा कदम उठाया है।

बड़े साहब ने दो सीओ को नाप दिया- फोटो : social Media

Bihar Landबिहार के मुजफ्फरपुर ज़िले में दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में लगातार मिल रही शिकायतों के बाद प्रशासन ने अब कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है. ज़िलाधिकारी  सुब्रत कुमार सेन ने मुशहरी और कांटी अंचल के अंचल अधिकारी , राजस्व अधिकारी और संबंधित कर्मचारियों पर कुल ₹1,97,300 का भारी-भरकम जुर्माना लगाया है.

मुशहरी अंचल पर ₹1,02,000 का जुर्माना

कांटी अंचल पर ₹95,300 का जुर्माना

डीएम ने साफ शब्दों में कहा कि कई बार चेतावनी देने के बावजूद इन दोनों अंचलों की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हुआ. इसी के बाद यह वित्तीय दंड लगाया गया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि "जून महीने का वेतन तभी मिलेगा जब अधिकारी और कर्मचारी जुर्माना की राशि जमा करेंगे. जुर्माना नहीं देने वालों को तत्काल निलंबित  किया जाएगा." यह फैसला लापरवाह कर्मचारियों पर नकेल कसने के लिए लिया गया है.

बुधवार को कलेक्ट्रेट में आयोजित ज़िला समन्वय समिति की बैठक में अंचलवार योजनाओं की समीक्षा की गई. इस दौरान चौंकाने वाली बातें सामने आईं:

दाखिल-खारिज के हजारों मामले अब भी मुशहरी और कांटी अंचलों में लंबित पड़े हैं.

इन दोनों अंचलों ने अभियान बसेरा में भी कोई ठोस प्रगति नहीं की है, जो भूमिहीन लोगों को ज़मीन उपलब्ध कराने की योजना है.

भूमि मापी और लगान वसूली जैसे राजस्व संबंधी कार्यों में भी इन दोनों अंचलों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है.

समीक्षा बैठक में यह भी खुलासा हुआ कि दोनों अंचलों में दाखिल-खारिज के नाम पर दलाल सक्रिय हैं. आम जनता महीनों से कार्यालयों के चक्कर काट रही है, लेकिन बिना रिश्वत के उनका काम नहीं हो रहा है. इसके अलावा, इन अंचलों में दस्तावेज रिवर्ट करने (यानी फाइलों को वापस लौटाने) की संख्या भी सबसे अधिक है, जिससे मामलों का निपटारा नहीं हो पा रहा.

डीएम ने मुरौल, सरैया और बंदरा के सीओ से भी स्पष्टीकरण मांगा है और चेतावनी दी है कि "अगर आगे भी ऐसी लापरवाही मिली, तो निलंबन और विभागीय कार्रवाई तय है." उन्होंने सभी अधिकारियों को दाखिल-खारिज, भूमि मापी, लगान वसूली और बसेरा योजना में तेज़ी लाने का निर्देश दिया है.

शहरी क्षेत्र से सटे अंचलों में दाखिल-खारिज में "लूट-खसोट" चरम पर है. अब जब प्रशासन ने सीधे तौर पर सख्त कार्रवाई शुरू की है, तो उम्मीद है कि इससे भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगी और आम जनता को इन ज़रूरी कामों में राहत मिल सकेगी.