Bihar Land Mutation: दाखिल-खारिज के मामले लटकाने वाले CO और RO को मिली कड़ी सजा! सैलरी बंद होने के साथ 3 दिन के भीतर जेब से पैसे भरने का मिला आदेश
Bihar Land Mutation: मीनापुर अंचल में दाखिल-खारिज मामलों की देरी पर डीएम सुब्रत कुमार सेन के आदेश पर अंचलाधिकारी और राजस्व अधिकारी पर जुर्माना लगाया गया।

Bihar Land Mutation: मीनापुर अंचल कार्यालय में दाखिल-खारिज मामलों के लंबे समय से लंबित रहने पर जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। डीएम सुब्रत कुमार सेन के आदेश पर, एसडीओ पूर्वी अमित कुमार ने अंचलाधिकारी और राजस्व अधिकारी पर क्रमशः 30 हजार और 20 हजार रुपये का आर्थिक दंड लगाया है।
आदेश के अनुसार, दोनों अधिकारियों को यह राशि तीन दिनों के भीतर कोषागार में जमा करनी होगी। यदि निर्धारित समयसीमा में राशि जमा नहीं होती है, तो उनका वेतन रोक दिया जाएगा।यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है कि जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ समय से मिले और भूमि रिकॉर्ड से जुड़े कार्यों में पारदर्शिता और तत्परता लाई जा सके।
निरीक्षण में उजागर हुई गंभीर लापरवाही
डीएम ने 17 अप्रैल 2025 को मीनापुर अंचल कार्यालय का निरीक्षण किया था, जिसमें चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। निरीक्षण के दौरान पता चला कि 1430 दाखिल-खारिज के मामले निष्पादन के लिए लंबित थे।1231 परिमार्जन प्लस आवेदन भी लंबित पाए गए थे।डीएम ने इस स्थिति पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और संबंधित अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा। इसके साथ ही, निर्देश दिया कि 60 दिनों से अधिक समय तक लंबित मामलों पर आर्थिक दंड लगाया जाए।
दाखिल-खारिज मामलों पर प्रति वाद सौ रुपये का जुर्माना
जांच के बाद यह पाया गया कि मीनापुर अंचल में 250 से अधिक मामले 60 दिनों से अधिक समय से लंबित थे। इसके आधार पर:अंचलाधिकारी को 200 मामलों के लिए प्रति मामला 150 रुपये के हिसाब से 30 हजार रुपये का दंड लगाया गया।राजस्व अधिकारी पर 100 मामलों के लिए प्रति मामला 100 रुपये के हिसाब से 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया।दोनों अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश दिया गया है कि जब तक दंड की राशि जमा नहीं होती, उनका वेतन बंद रहेगा।यह कार्रवाई जिला प्रशासन द्वारा सरकारी कार्यों में लापरवाही बरतने वालों को दी गई सख्त चेतावनी के रूप में देखी जा रही है।
सुब्रत कुमार सेन की प्रशासनिक कार्यशैली
डीएम सुब्रत कुमार सेन का प्रशासनिक कार्यशैली में अनुशासन और पारदर्शिता सर्वोपरि रही है। उनकी निगरानी प्रणाली के तहत: नियमित निरीक्षण और समीक्षा बैठकें आयोजित की जाती हैं।कार्यों की समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए सख्त मानक निर्धारित किए गए हैं।किसी भी प्रकार की लापरवाही या देरी पर कठोर कार्रवाई की जाती है।इस प्रकार की कार्रवाई से स्पष्ट संदेश गया है कि जिला प्रशासन अपने कार्यों में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं करेगा और आम जनता के अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करेगा।