Bihar News:लीची से लेकर लोहा तक, मुजफ्फरपुर बनेगा औद्योगिक हब, 108 करोड़ की फैक्ट्री से निकलेगा बिजली का पुर्जा

Bihar News: बिहार की सियासत में विकास का एक नया अध्याय खुलने जा रहा है। लीची की खुशबू के लिए पहचाना जाने वाला मुजफ्फरपुर अब भारी उद्योगों की राजनीति का भी अहम केंद्र बनने की दहलीज पर है।

मुजफ्फरपुर बनेगा औद्योगिक हब- फोटो : social Media

Bihar News: बिहार की सियासत में विकास का एक नया अध्याय खुलने जा रहा है। लीची की खुशबू के लिए पहचाना जाने वाला मुजफ्फरपुर अब भारी उद्योगों की राजनीति का भी अहम केंद्र बनने की दहलीज पर है। राज्य सरकार ने लेदर पार्क में बिजली क्षेत्र को मजबूती देने के लिए 108 करोड़ रुपये की लागत से एक बड़ी औद्योगिक इकाई की आधारशिला रखने की तैयारी कर ली है। यह फैसला सिर्फ निवेश नहीं, बल्कि रोजगार और आत्मनिर्भरता की सियासी सोच का ऐलान माना जा रहा है।

प्रस्तावित फैक्ट्री में ट्रांसफार्मर के रेडिएटर, टैंक, कोर, वाइंडिंग, बीदर और बुशिंग जैसे अहम पुर्जों का निर्माण होगा। इससे करीब 300 युवाओं को सीधे रोजगार मिलेगा। सियासी गलियारों में इसे “बिजली सुधार की फैक्ट्री” कहा जा रहा है, क्योंकि यह इकाई बिहार की बिजली व्यवस्था को तकनीकी तौर पर मजबूत करेगी।

अभी हालात यह हैं कि ट्रांसफार्मर खराब होने पर उसके रेडिएटर या टैंक के लिए नोएडा, महाराष्ट्र और हरियाणा जैसे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है। इस वजह से समय और पैसा दोनों जाया होता है और जनता को लंबी बिजली कटौती का सामना करना पड़ता है। नई फैक्ट्री शुरू होने के बाद मरम्मत का वक्त घटेगा, खासकर ग्रामीण इलाकों में, जहां बिजली बहाली अक्सर दिनों का इंतज़ार बन जाती है।

राज्य में ट्रांसफार्मर की असेंबलिंग पहले से होती रही है, लेकिन इसके अधिकांश पुर्जे बाहर से आते हैं। अब बाहरी ढांचा बिहार में ही तैयार होगा, जबकि अंदरूनी हिस्से पहले से स्थानीय फैक्ट्रियों में बन रहे हैं। इस तरह ट्रांसफार्मर निर्माण की पूरी चेन राज्य में ही मजबूत होगी, जो आत्मनिर्भर बिहार की सियासत को धार देगी।

उद्योग मंत्री डॉ. दिलीप जायसवाल का कहना है कि लेदर, टेक्सटाइल, ट्रांसफार्मर पार्ट और जूता उद्योग में स्थानीय निर्माण बढ़ने से बिहार की आर्थिक सेहत बेहतर हो रही है। इस परियोजना से अप्रत्यक्ष रोजगार भी बढ़ेंगे और सरकार को राजस्व की बचत होगी।

कंपनी ने उद्योग विभाग में मंजूरी के लिए आवेदन कर दिया है और सभी क्लीयरेंस पूरे होते ही जमीन आवंटन होगा। लेदर पार्क में यह फैक्ट्री लगने के बाद मुजफ्फरपुर की पहचान सिर्फ पारंपरिक उद्योगों तक सीमित नहीं रहेगी। यह शहर अब बिजली, रोजगार और विकास की नई सियासी पहचान गढ़ने की तैयारी में है।

रिपोर्ट- मणिभूषण शर्मा