Bihar Politics: गायघाट में जनता बनाम विधायक! राजद के खिलाफ उठी बगावत, क्या NDA का रास्ता होगा आसान, जानिए

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने ही वाला है और मुजफ्फरपुर जिले की गायघाट सीट पर माहौल गरमा चुका है।...

राजद के खिलाफ उठी बगावत- फोटो : reporter

Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने ही वाला है और मुजफ्फरपुर जिले की गायघाट सीट पर माहौल गरमा चुका है। 2020 में लोजपा की उम्मीदवार को हराकर विधायक बने राजद के निरंजन राय इस बार अपने ही क्षेत्र की जनता के निशाने पर हैं। विरोध इतना तेज है कि खुले मंचों से लेकर गांव की गलियों तक “विधायक मुर्दाबाद” के नारे गूंज रहे हैं।

गायघाट के लोगों का साफ आरोप है कि पिछले पाँच साल में विधायक निरंजन राय ने विकास की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की। जनता का कहना है कि वे चुनाव जीतने के बाद क्षेत्र से कटे रहे और सिर्फ कागजों पर विकास की बातें होती रहीं। यही कारण है कि अब आम मतदाता खुलेआम कह रहे हैं “अगर पार्टी ने उम्मीदवार नहीं बदला तो हार तय है।”

इधर, 2020 के चुनाव की उपविजेता और एनडीए खेमे की दावेदार कोमल सिंह लगातार क्षेत्र में सक्रिय रही हैं। हारने के बावजूद वे जनता के सुख-दुख में शामिल होती रहीं, अधिकारियों से मिलकर समस्याओं का समाधान करवाती रहीं और एक तरह से “विपक्षी विधायक” की भूमिका निभाती रहीं। यही वजह है कि उनके प्रति जनता का रुझान बढ़ रहा है।

कोमल सिंह का राजनीतिक बैकग्राउंड भी मजबूत है। उनकी मां बीना देवी गायघाट से विधायक रह चुकी हैं और वर्तमान में वैशाली की सांसद हैं। उनके पिता मुजफ्फरपुर से जदयू के एमएलसी हैं। ऐसे में परिवार की पकड़ और क्षेत्र में सक्रियता उन्हें एक सशक्त उम्मीदवार के रूप में खड़ा करती है।

अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि जनता के गुस्से और विरोध का खामियाजा क्या राजद विधायक को भुगतना पड़ेगा? या फिर युवा चेहरे की मांग के बीच एनडीए की कोमल सिंह इस बार मैदान मार लेंगी?

रिपोर्ट- मणिभूषण शर्मा