Bihar News:मुख्यमंत्री नीतीश के गृह जिले में मनरेगा में भ्रष्टाचार और दबंगई का गठजोड़, गरीब के पशु शेड पर जबरन कब्जा, प्रशासन बना मूकदर्शक

मनरेगा योजना के तहत बने एक गरीब परिवार के पशु शेड पर गांव के कुछ दबंगों ने जबरन कब्जा कर लिया है। इस वारदात के बाद से पीड़ित परिवार खौफ के साये में जी रहा है...

सीएम के गृह जिले में मनरेगा में भ्रष्टाचार और दबंगई का गठजोड़- फोटो : reporter

Nalanda: बेन थाना क्षेत्र के ईनायतपुर गांव में दबंगों का आतंक सिर चढ़कर बोल रहा है। मनरेगा योजना के तहत बने एक गरीब परिवार के पशु शेड पर गांव के कुछ दबंगों ने जबरन कब्जा कर लिया है। इस वारदात के बाद से पीड़ित परिवार खौफ के साये में जी रहा है और उन्होंने जिलाधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है।

मामला बेन थाना क्षेत्र के ईनायतपुर गांव का है, जहां मोहम्मद मिनहाज आलम को साल 2020-21 में मनरेगा योजना संख्या 34 के तहत उनकी निजी जमीन पर एक पशु शेड आवंटित हुआ था। मिनहाज आलम 15 मई 2025 तक इस शेड का बकायदा इस्तेमाल कर रहे थे। लेकिन 16 मई की रात, गांव के ही मोहम्मद जाहिद और उसके साथियों ने मिलकर इस पशु शेड पर धावा बोल दिया। आरोप है कि दबंगों ने रात के अंधेरे का फायदा उठाते हुए शेड का ताला तोड़ा और अंदर रखा सारा सामान बाहर फेंक दिया। इतना ही नहीं, शेड में रखे कुछ ज़रूरी सामान की चोरी भी कर ली गई।

जब मिनहाज के भाई आबिद हुसैन ने छत से यह सब देखा और विरोध करने की कोशिश की, तो दबंगों ने उन्हें जान से मारने की धमकी दी। "हल्ला मत करो नहीं तो गोली मार देंगे," इन शब्दों ने पूरे परिवार को दहशत में डाल दिया है। पीड़ित परिवार अब जान के डर से सहमा हुआ है।पीड़ित परिवार ने 22 मई को बेन थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। 

वहीं, आरोपी मोहम्मद जाहिद ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया है कि पशु शेड उसकी अपनी जमीन पर बना है। बेन थानाध्यक्ष रवि कुमार ने इस मामले को दो भाइयों के बीच आपसी बंटवारे का विवाद बताया है। उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को थाने बुलाकर समझाने की कोशिश की गई थी और अब वरीय अधिकारी से आए आवेदन की जांच की जा रही है।

मुख्यमंत्री नीतीश के गृह जिले में  इस घटना ने एक बार फिर कानून-व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं, और देखना होगा कि पीड़ित परिवार को कब न्याय मिलता है।

रिपोर्ट- राज पाण्डेय