Nawada Fake Dog Certificate: नवादा में सरकारी सिस्टम की उड़ी खिल्ली! पालतू कुत्ते के नाम पर बना निवास प्रमाण पत्र आवेदन!
Nawada Fake Dog Certificate: बिहार के नवादा जिले में अजीबोगरीब मामला सामने आया है जहां 'डॉगेश बाबू' नामक कुत्ते के नाम पर ऑनलाइन निवास प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया गया। जानिए पूरी कहानी और प्रशासन की प्रतिक्रिया।
Nawada Fake Dog Certificate: बिहार में डिजिटल गवर्नेंस को लेकर उठाए गए कदमों का उद्देश्य पारदर्शिता और प्रक्रिया की तेजी था, लेकिन नवादा जिले से आई यह खबर बता रही है कि कुछ लोग इसे मज़ाक बनाकर इस्तेमाल कर रहे हैं।
29 जुलाई 2025 को सिरदला अंचल कार्यालय में एक ऑनलाइन आवेदन (संख्या: BRCCO/2025/17886832) दर्ज हुआ, जिसमें एक पालतू कुत्ते "डॉगेश बाबू" के नाम से निवास प्रमाण पत्र की मांग की गई थी। चौंकाने वाली बात ये रही कि आवेदन में कुत्ते की असली तस्वीर भी संलग्न की गई थी — और उसे "पुरुष" घोषित किया गया था।
Copy cats...or rather I should say Copy dogs, tried applying for a residence certificate from Sirdala, Rajauli.... were caught in the act. FIR being registered for lame and stale attempt at humour. pic.twitter.com/Bk4Mc5azOY
— Ravi Prakash (@ravidinkar) July 29, 2025
पिता ‘डॉगेश के पापा’, मां ‘डोगेश की मम्मी’
आवेदन में दी गई जानकारियों ने सरकारी रिकॉर्ड को मजाक बना डाला। अभिभावक के नाम में लिखा गया:
पिता का नाम: डॉगेश के पापा
माता का नाम: डोगेश की मम्मी
पता भी पूरी तरह से वास्तविकता का भ्रम देने की कोशिश में भरा गया:
गांव: खरौंध, वार्ड संख्या 11, पोस्ट: शेरपुर, प्रखंड: शेरपुर, अंचल: सिरदला, जिला: नवादा।
ऐसा प्रतीत होता है कि सिस्टम की ऑनलाइन स्वीकृति प्रक्रिया में सुरक्षा की कमी का फायदा उठाकर यह आवेदन डाला गया। यह सिर्फ एक शरारत नहीं, बल्कि साइबर बदमाशी और सरकारी व्यवस्था की छवि को धूमिल करने का प्रयास है।
प्रशासन की सख्ती D.M. ने दिए जांच और कार्रवाई के निर्देश
जैसे ही यह मामला सामने आया, सिरदला अंचलाधिकारी अभिनव राज ने तत्परता दिखाते हुए नवादा के जिलाधिकारी रवि प्रकाश को सूचित किया।डीएम रवि प्रकाश ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कहा कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं के साथ इस तरह की छेड़छाड़ किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि सिस्टम में अगर कोई खामी है तो उसकी समीक्षा कर समाधान किया जाएगा ताकि भविष्य में इस तरह के आवेदन स्वीकृत ही न हो सकें।