Bihar News : नवादा में कोहराम: बोरसी के धुएं से नाना और मासूम नाती की हुई मौत, दम घुटने से तीन की हालत नाजुक

Bihar News : नवादा में बोरसी के धुएं में दम घुटने से नाना और नाती की मौत हो गयी. वहीँ तीन अन्य की हालत नाजुक बताई जा रही है......पढ़िए आगे

दम घुटने से मौत - फोटो : AMAN

NAWADA : बिहार के नवादा जिले से एक रूह कपा देने वाली घटना सामने आई है, जहाँ मुफस्सिल थाना क्षेत्र के त्रिलोकी बीघा गांव में बोरसी (अंगीठी) का धुआं एक परिवार के लिए काल बन गया। शनिवार की रात भीषण ठंड से बचने के लिए कमरे में बोरसी जलाकर सोए परिवार के पांच सदस्यों में से दो की दम घुटने से मौत हो गई। मृतकों में 50 वर्षीय श्री यादव और उनका मात्र एक वर्षीय मासूम नाती आशीष कुमार शामिल है। इस हादसे ने पूरे गांव में मातम पसरा दिया है।

घटना के संबंध में बताया जाता है कि शनिवार की रात कड़ाके की ठंड से बचने के लिए परिवार के सभी पांच सदस्य एक ही कमरे में सो रहे थे। कमरे को गर्म रखने के लिए उन्होंने बोरसी जलाई थी और ठंड के कारण खिड़की-दरवाजे पूरी तरह बंद कर लिए थे। बंद कमरे में बोरसी से निकलने वाली जहरीली कार्बन मोनोऑक्साइड गैस भर गई और ऑक्सीजन की कमी होने के कारण कमरे में मौजूद सभी लोग गहरी नींद में ही बेहोश हो गए।

रविवार की सुबह जब काफी देर तक कमरे का दरवाजा नहीं खुला, तो परिजनों को संदेह हुआ। दरवाजा खोलने पर अंदर का मंजर देख सबके होश उड़ गए; कमरे में मौजूद सभी पांचों लोग अचेत अवस्था में पड़े थे। आनन-फानन में सभी को इलाज के लिए पावापुरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया। अस्पताल पहुँचते ही डॉक्टरों ने श्री यादव और उनके नाती आशीष को मृत घोषित कर दिया, जबकि परिवार के तीन अन्य सदस्यों की हालत अब भी चिंताजनक बनी हुई है।

हादसे का शिकार हुए अन्य सदस्यों में श्री यादव की पत्नी सरो देवी, उनकी बेटी इंदु देवी और नतनी सपना कुमारी शामिल हैं। परिजनों ने बताया कि इंदु देवी का हाल ही में ऑपरेशन हुआ था, जिसके कारण वह स्वास्थ्य लाभ लेने के लिए अपने मायके आई हुई थीं। किसे पता था कि मायके में बिताई गई यह रात उनके जीवन की सबसे दुखद रात बन जाएगी। फिलहाल अस्पताल में तीनों का सघन उपचार जारी है और ग्रामीण उनके जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना कर रहे हैं। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस अस्पताल पहुँची और मामले की जानकारी ली। पुलिस ने दोनों मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद उन्हें अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को सौंप दिया है। इस घटना के बाद जिला प्रशासन और डॉक्टरों ने एक बार फिर लोगों से अपील की है कि बंद कमरे में अंगीठी या बोरसी जलाकर कभी न सोएं, क्योंकि यह जानलेवा साबित हो सकता है।

अमन सिन्हा की रिपोर्ट